UPTET Exam 2021/22 : Gender Issues In Society Building Based 15 Questions : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 28 नवंबर को आयोजित होने वाली थी लेकिन पेपर लीक होने के कारण परीक्षा को रद्द कर दिया गया। अब इसकी परीक्षा 23 जनवरी को राज्य के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, इसके लिए एडमिट कार्ड भी जारी हो चुका है।
ऐसे में इस लेख में आज हम समाज निर्माण में लैंगिक मुद्दों पर आधारित कुछ संभावित प्रश्न आपके सामने ला रहे हैं जो UPTET परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। ऐसे में यदि आप UPTET परीक्षा में शामिल होने वाले हैं तो नीचे दिए गए इन प्रश्नों को जरूर पढ़ लें।

UPTET Exam 2021/22 : Gender Issues In Society Building Based 15 Questions
प्रश्न : ‘पुरुष स्त्रियों की अपेक्षा ज्यादा बुद्धिमान होते हैं।’ यह कथन है।
- लैंगिक पूर्वाग्रह को प्रदर्शित करता है
- बुद्धि के भिन्न पक्षों के लिए सही
- सही है
- सही हो सकता है
उत्तर : 1
प्रश्न : कक्षा में जेंडर रूदिबद्धता से बचने के लिए एक शिक्षक को
- लड़कों को जोखिम उठाने और निर्भीक बनने के लिए प्रोत्साहित करना।
- लड़के-लड़कियों को एक साथ अ-पारंपरिक भूमिकाओं में रखना चाहिए।
- अच्छी लड़की’ अच्छा लड़का कहकर शिक्षार्थियों के अच्छे कार्य की सराहना करनी चाहिए।
- कुश्ती में भाग लेने के लिए लड़कियों को निरुत्साहित करना।
उत्तर : 2
प्रश्न : निम्न में से कौन-सी व्यूह रचना/अभिलक्षण लैंगिक अन्तरों को मद्देनजर रखते हुए लैंगिक समता की भावना के विपरीत है?
- विद्यार्थियों को बताये कि रूढ़िबद्ध विषयों में सफलता हासिल कर सकते हैं
- प्रारम्भिक विद्यालयी वर्षो में लड़के एवं लड़कियों में शारीरिक एवं गामक कौशलों के विकास की सम्भाव्य क्षमता समान होती है
- लड़कों की समस्याओं के समाधान और विश्व पर नियंत्रण रखने के लिए उनकी योग्यता पर उनको आत्मविश्वास विकसित करने के लिए सहयोग प्रदान करें
- लड़के एवं लड़कियों दोनों के कम आक्रामक एवं एक दूसरे के साथ अन्त क्रिया करने के समस्त सामाजिक तरीकों को सिखाया जाये।
उत्तर : 3
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा समाज में लिंग समानता का मानदंड हो सकता है?
- विद्यायल में पुरुष और महिला शिक्षकों की संख्या की तुलना
- कक्षा 12 में लड़कों और लड़कियों द्वारा समान संख्या में प्राप्त विशिष्ट योग्यता
- कक्षा 12 तक पहुँचने वाले लड़कों तथा लड़कियों की संख्या की तुलना
- क्या छात्राओं को विद्यालय से बाहर आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति दी जाती है।
उत्तर : 3
प्रश्न : अध्यापिका ने एक कमेटी के प्रधान को ‘सभापति’ के स्थान पर ‘सभाध्यक्ष’ लिखा। यह संकेत करता है कि अध्यापिका
- एक अधिक उपयुक्त पारिभाषिक शब्द का पालन करती है।
- भाषा पर अच्छा अधिकार रखती है
- एक लिंग-मुक्त भाषा का प्रयोग कर रही है
- लिंग पूर्वाग्रह से ग्रस्त है
उत्तर : 3
प्रश्न : लिंग (जेंडर) पक्षपात …. .की ओर संकेत करता है।
- आनुवंशिक विभिन्नताएँ जो लड़कों और लड़कियों में मौजूद हैं।
- स्त्रियोचित और पुरुषोचित विशेषताओं में सापेक्षिक रूप से स्वयं का बोध
- अपने शरीर- विज्ञान के कारण लड़कों और लड़कियों के बीच विभिन्नताओं की स्वीकृति
- सांस्कृतिक अभिवृत्तियों के कारण अपेक्षाओ पर आधारित लड़कों और लड़कियों से भिन्न व्यवहार
उत्तर : 4
प्रश्न : लड़कों एवं लड़कियों के विषय में कुछ कथन नीचे दिए गए हैं। आपके अनुसार इनमें से कौन-सा सही है ?
- लड़को को घर के बाहर कार्यो में सहायता करनी चाहिए
- लडकों को घर के कार्यो में सहायता करनी चाहिए
- सभी लड़कों को विज्ञान तथा लड़कियों को गृह विज्ञान पढ़ाया जाना चाहिए
- लड़कियों को घर के कार्यों में सहायता करनी चाहिए
उत्तर : 2
प्रश्न : कक्षा VIll की एक पाठ्य पुस्तक में इस प्रकार चित्र है शिक्षिका एवं घरेलू काम करने वाली के रूप में महिला, जबकि डॉक्टर एवं पायलट के रूप में पुरुष। इस प्रकार के चित्रण से बढ़ सकती/सकता है।
- लिंग भूमिका निर्वाह खेल
- लिंग स्थिरता
- लिंग सशक्तीकरण
- लिंग रूढ़िवादिता
उत्तर : 4
प्रश्न : बालिका शिक्षा को महत्ता देना उचित है, क्योंकि
- बालिकाएँ बालकों से अधिक बुद्धिमती होती है
- बालिकाएँ बालकों से अल्पसंख्यक होती है
- अतीत में बालिकाओं को बुरी तरह से विभेदित किया जाता है
- किसी सामाजिक परिवर्तन के नेतृत्व में केवल बालिकाएँ ही समर्थ होती है।
उत्तर : 4
प्रश्न : इस पर अत्यधिक वाद-विवाद होता है कि क्या लड़कों एवं लड़कियों में योग्यताओं का विशिष्ट समूह उनके आनुवंशिक घटकों के कारण होता है। इस सन्दर्भ में निम्नलिखित में से आप सबसे अधिक किससे सहमत हैं?
- लड़कियों को सेवा-भाव के लिए सामाजिक रूप से तैयार किया जाता है जबकि लड़को को रोने जैसा संवेग प्रदर्शित करने के लिए हतोत्साहित किया जाता है
- लड़के सेवा-भाव वाले नहीं हो सकते है क्योंकि वे जन्म से इस प्रकार के होते हैं
- यौवनारम्भ के बाद लड़के और लड़कियाँ एक साथ नहीं खेल सकते हैं क्योंकि उनकी अभिरूचियाँ पूर्णतया विपरीत होती हैं
- सभी लड़कियों में कला-विषयों के लिए अन्तर्निहित प्रतिभा होती है जबकि लड़के आक्रामक खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए आनुवंशिक रूप से तैयार होते हैं।
उत्तर : 1
प्रश्न : “प्राय: लड़कियाँ गणित में कमजोर होती हैं,” यह
- अनुसंधान आधारित धारणा है।
- लैंगिक पूर्वाग्रह पर आधारित धारणा है।
- सत्य धारणा है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर : 2
प्रश्न : सामाजिक भूमिकाओं के कारण न कि जीववैज्ञानिक संपत्ति के कारण सौंपी गई विशिष्टताएँ…. कहलाती हैं?
- जेंडर भूमिका अभिवृत्ति
- जेंडर भूमिका दबाव
- जेंडर भूमिका रूढ़िवादिता
- जेंडर भूमिका नैदानिकी
उत्तर : 3
प्रश्न : लिंग (जेण्डर) पक्षपात …… की ओर संकेत करता है।
- आनुवंशिक विभिन्नताएँ जो लड़कों और लड़कियों में मौजूद हैं
- स्त्रियोचित और पुरुषोचित विशेषताओं में सापेक्षिक रूप से स्वयं का बोध
- अपने शरीर- विज्ञान के कारण लड़कों और लड़कियों के बीच विभिन्नताओं की स्वीकृति
- सांस्कृतिक अभिवृत्तियों के कारण अपेक्षाओं पर आधारित लड़कों और लड़कियों से भिन्न व्यवहार करना
उत्तर : 4
प्रश्न : छात्राएँ
- गणित के सवाल अच्छे से सीखती है लेकिन उन्हें तब कठिनाई आती है जब उनसे उनके तर्क के बारे में पूछा जाता है
- अपनी आयु के लड़कों की तरह गणित में अच्छी हैं
- अपनी आयु के लड़कों की तुलना में स्थानिक अवधारणाओं करती है कम कुशलतापूर्ण निष्पादन
- भाषिक और संगीत सम्बन्धी अधिक क्षमताएँ रखती हैं
उत्तर : 2
प्रश्न : कक्षा-कक्ष में जेण्डर (लिंग) विभेद
- शिक्षार्थियों के निष्पादन को प्रभावित नहीं करता है
- शिक्षार्थियों के हासोन्मुख प्रयासों अथवा निष्पादन का कारण बन सकता है
- पुरुष शिक्षार्थियों के बुद्धि-उन्मुख प्रयासो अथवा निष्पादन का कारण बन सकता है
- महिला शिक्षकों की अपेक्षा पुरुष शिक्षकों के द्वारा अधिक किया जाता है
उत्तर : ??
इस प्रश्न का सही उत्तर क्या होगा? हमें अपना जवाब कमेंट सेक्शन में जरूर दें।
आशा है आपको यह प्रैक्टिस सेट पसंद आया होगा, सरकारी परीक्षाओं से जुड़ी हर जानकरियों हेतु सरकारी अलर्ट को बुकमार्क जरूर करें।
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2nd right ✅
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A
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