UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 46 : CTET की परीक्षा प्रारंभ हो चुकी है जो कि 13 जनवरी तक चलने वाली है। जिसके लिए अभ्यार्थी कई महीनों से अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं और इसकी परीक्षा ऑनलाईन माध्यम द्वारा कराई जा रही है। UPTET की परीक्षा 23 जनवरी 2022 को आयोजित कराई जाएगी। फ़िलहाल तैयारी का अंतिम समय चल रहा है। सभी अभ्यर्थी अपनी तैयारी बहुत ही तेजी से कर रहे हैं।
ऐसे में इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/CTET के परीक्षा में पूछे गए विगत वर्षों के हिंदी भाषा के 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूती प्रदान कर सकतें हैं।

UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 46
प्रश्न : ‘ज्ञान से संबंधित अन्य विषयों की समझ का विकास तथा उससे आनंद उठाने की क्षमता का विकास’ उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने का
- सबसे कम महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।
- एकमात्र उद्देश्य है।
- एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।
- सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।
उत्तर : 3
प्रश्न : पढ़ने का अर्थ है
- शब्दों को पढ़ना
- वर्णमाला का ज्ञान
- पढ़कर समझना
- वाक्यों को पढ़ना
उत्तर : 3
प्रश्न : कविता में कई बार ‘अभी भी’ का प्रयोग करके बातें रची गई हैं …… बिना रुके चलने वाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है या नहीं ?’ प्रश्न …… ओर संकेत करता है।
- भाषा-संरचना
- भाषा की बारीकी
- व्याकरणिक ज्ञान
- व्याकरण की परिभाषा
उत्तर : 2
प्रश्न : त्रिभाषा-फार्मूला भारत की ……. की चुनौतियों और ………… को संबोधित करने का एक प्रयास है।
- भाषा-स्थिति, अवसरों
- संस्कृति, समाधानों
- समस्याओं, अवसरों
- भाषा-स्थिति, संस्कृति
उत्तर : 1
प्रश्न : लिखने की क्षमता का विकास बोलने, सुनने और पढ़ने की क्षमता की संगति में होना चाहिए। यह विचार
- पूर्णतः निराधार है।
- पूर्णतः सत्य है।
- पूर्णतः असत्य है।
- आंशिक रूप से सत्य है।
उत्तर : 3
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखाने का उद्देश्य है
- निजी अनुभवों को केवल लिखकर अभिव्यक्त करना।
- प्रश्नोत्तरी, भाषण, अन्त्याक्षरी का मात्र आयोजन करना।
- भाषा की बारीकी और सौंदर्य बोध को सही रूप में समझना।
- दूसरों के अनुभवों से जुड़कर सवालों के जवाब देना।
उत्तर : 3
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने में पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त कौन-सी संसाधन सामग्री सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है?
- समाचार-पत्र
- कविता पाठ
- रेडियो नाटक
- आयु अनुरूप साहित्य
उत्तर : 4
प्रश्न : गणित, विज्ञान आदि विषयों की कक्षाओं में भी बच्चे भाषा सीखते हैं। यह विचार
- निराधार है।
- पूर्णतः असत्य है।
- पूर्णतः सत्य है।
- आंशिक रूप से सत्य है।
उत्तर : 2
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर पाठ्य पुस्तकों में हिंदीतर भाषा को ही जगह मिलनी चाहिए ताकि बच्चे
- भाषा की विभिन्न रंगतों से परिचित हो सकें।
- हिंदीतर भाषा साहित्यकारों से परिचित हो सकें।
- सामाजिक संस्कृति से परिचित हो सकें।
- ये सभी
उत्तर : 4
प्रश्न : भाषा के विभिन्न कौशलों को ……. रूप में पढ़ाने की अनुशंसा की जाती है।
- निम्न
- क्रमिक
- एकीकृत
- उच्च
उत्तर : 3
प्रश्न : व्याकरण शिक्षण की कौन-सी विधि अपेक्षाकृत
प्रभावी है?
- आगमन विधि
- पाठ्यपुस्तक विधि
- निगमन विधि
- सूत्र विधि
उत्तर : 2
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा की पाठ्यपुस्तक में
‘रक्त और हमारा शरीर’ पाठ शामिल करने का विचार ……… से जुड़ा है।
- विज्ञान संबंधी शब्दावली
- विषयों की विभिन्न भाषाओं
- संपूर्ण पाठ्यचर्या में भाषा
- हिंदी भाषा की विभिन्न रंगतों
उत्तर : 4
प्रश्न : बच्चे भाषा तब बेहतर तरीके से सीखते हैं जब
- परीक्षाओं का आयोजन हो।
- अनेक पाठ्य-पुस्तकें हों।
- भाषा का समृद्ध परिवेश हो।
- सरल साहित्य का चयन हो ।
उत्तर : 3
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा-आकलन की दृष्टि से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है
- लिखित परीक्षा
- जाँच सूची
- अवलोकन
- साक्षात्कार सूची
उत्तर : 3
प्रश्न : द्वितीय भाषा की पाठ्यचर्या का एक लक्ष्य है प्राकृतिक भाषा ज्ञान में अर्जित दक्षता के अनुरूप …………. दक्षता प्राप्त करना।
- बुनियादी
- उच्च
- सर्वोच्च
- औसत
उत्तर : 1
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए निम्नलिखित आठ प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :
हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता था। अहिंसा की भावना सर्वोपरि थी। आज पूरा जीवन-दर्शन ही बदल गया है सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य ध्येय हो गया है, भले ही धन-उपार्जन के तरीके गलत ही क्यों न हों। इन सबका असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा है। समाज का वातावरण दूषित हो गया है। इन सबके कारण मानसिक और शारीरिक तनाव- खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैं।
आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा है। पाँच रुपये मिलने पर दस, दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हजार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल है। इस दौड़ का कोई अंत नहीं। धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गए। व्यक्ति सत्य असत्य, उचित अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने-पराए के भेद-भाव को भूल गया। उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहीं। धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा है। भाई-भाई के खून का प्यासा है। धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही है। इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह-जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगे।
प्रश्न : ‘धन उपार्जन’ में संधि करने पर शब्द बनेगा
- धनोपर्जन
- धनूपर्जन
- धनुपार्जन
- धनोपार्जन
उत्तर : 4
प्रश्न :’आज पूरा जीवन-दर्शन बदल गया है।’
उक्त कथन का आशय है
- आज समय बदलने से दिनचर्या बदल गई है।
- आज जीवन में परिवर्तन आ गया है।
- आज जीवन के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आ गया है।
- आज सम्पूर्ण जीवन बदल गया है।
उत्तर : 3
प्रश्न : उस शब्द युग्म को पहचानिए जो शेष से भिन्न हो
- न्याय – अन्याय
- चोरी – डकैती
- उचित – अनुचित
- सत्य – असत्य
उत्तर : 2
प्रश्न : किस दौड़ को अंतहीन माना गया है?
- अपने-पराए को भुला देने की
- आगे बढ़ने की
- वास्तविक लक्ष्य पाने की
- किसी भी प्रकार धन जोड़ने की
उत्तर : 4
प्रश्न : प्राचीनकाल में जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या माना गया था?
- नैतिक और आध्यात्मिक विकास
- आध्यात्मिक और सामाजिक विकास
- आर्थिक और सामाजिक प्रगति
- जीवन-दर्शन में परिवर्तन
उत्तर : 1
प्रश्न : मानसिक तनाव की व्याधियों का कारण लेखक ने क्या माना है?
- चोरी-डकैती की घटनाएँ
- पर्यावरण प्रदूषण
- किसी भी प्रकार धन कमाने की इच्छा
- एक दिन दौड़ते रहना
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘जघन्य’ शब्द का अर्थ नहीं है
- जाँघ से संबंधित
- निंदित
- त्याग देने योग्य
- निकृष्ट
उत्तर : 1
प्रश्न : हमारे मानवीय संबंध पीछे छूटने का कारण है
- धन कमाने की विवशता
- धन कमाने की इच्छा
- धन कमाने की लालसा
- धन कमाने की अंधी दौड़
उत्तर : 4
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए निम्नलिखित सात प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :
शिक्षा मनुष्य को मस्तिष्क और शरीर का उचित तालमेल करना | सिखाती है। वह शिक्षा जो मानव को पाठ्य पुस्तकों के ज्ञान के | अतिरिक्त कुछ गंभीर चिंतन न दे। यदि हमारी शिक्षा सुसंस्कृत, सभ्य, सच्चरित्र एवं अच्छे नागरिक नहीं बना सकती तो उससे क्या लाभ? सहृदय, सच्चा परन्तु अनपढ़ मजदूर उस स्नातक से कहीं अच्छा है। जो निर्दय और चरित्रहीन है। संसार के सभी वैभव और सुख-साधन भी मनुष्य को तब तक सुखी नहीं बना सकते जब तक कि मनुष्य आत्मिक ज्ञान न हो। हमारे कुछ अधिकार और कर्त्तव्य भी हैं। शिक्षित को | व्यक्ति को कर्तव्यों का उतना ही ध्यान रखना चाहिए जितना कि अधिकारों का।
प्रश्न : सुख-साधन’ का विग्रह और समास है
- सुख से सधे जो साधन – कर्मधारय
- सुख और साधन – द्वन्द्व
- सुखों के साधन – तत्पुरुष
- सुखों के साधनों का समूह – द्विगु
उत्तर : 3
प्रश्न : वह अशिक्षित शिक्षित व्यक्ति से अच्छा है, जो
- मस्तिष्क का सही उपयोग करता हो।
- दयालु और सच्चरित्र हो।
- गंभीर चिंतन दे।
- अपने अधिकार जानता हो।
उत्तर : 2
प्रश्न : कौन-सा शब्द अन् उपसर्ग से नहीं बना है?
- अनुपकार
- अनपढ़
- अनुपम
- अनुपयोगी
उत्तर : 2
प्रश्न : मनुष्य तभी सुखी कहा जा सकता है, जब
- उसे आत्मिक ज्ञान हो ।
- वह शिक्षित हो ।
- उसके पास सुख के साधन हों।
- उसे उत्तरदायित्व निभाना आता हो
उत्तर : 1
प्रश्न : ‘हमारे कुछ अधिकार और कर्त्तव्य भी हैं’
उपर्युक्त वाक्य किस प्रकार का है?
- मुख्य वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- सरल वाक्य
- मिश्र वाक्य
उत्तर : 3
प्रश्न : अच्छी शिक्षा की विशेषता नहीं है
- आत्मिक ज्ञान देना।
- सुसंस्कृत बनाना।
- सच्चरित्र नागरिक बनाना।
- अनुत्तरदायी बनाना।
उत्तर : 4
प्रश्न : अधिकारों और कर्त्तव्यों के विषय में सुशिक्षित व्यक्ति –
- इन्हें विशेष महत्त्व नहीं देता।
- अधिकारों की जानकारी रखता है।
- कर्त्तव्यों के प्रति सचेत रहता है।
- दोनों का बराबर ध्यान रखता है।
उत्तर : ??
इस प्रश्न का सही उत्तर क्या होगा? हमें अपना जवाब कमेंट सेक्शन में जरूर दें।
आशा है आपको यह प्रैक्टिस सेट पसंद आया होगा, सरकारी परीक्षाओं से जुड़ी हर जानकरियों हेतु सरकारी अलर्ट को बुकमार्क जरूर करें।
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Answer
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D
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Pinkipal
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