UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 33 : CTET की परीक्षा प्रारंभ हो चुकी है जो कि 13 जनवरी तक चलने वाली है। जिसके लिए अभ्यार्थी कई महीनों से अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं और इसकी परीक्षा ऑनलाईन माध्यम द्वारा कराई जा रही है। UPTET की परीक्षा जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है, फ़िलहाल तैयारी का अंतिम समय चल रहा है। सभी अभ्यर्थी अपनी तैयारी बहुत ही तेजी से कर रहे हैं।
ऐसे में इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/CTET के परीक्षा में पूछे गए विगत वर्षों के हिंदी भाषा के 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूती प्रदान कर सकतें हैं।
UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 33
प्रश्न : भाषा-अर्जन में बच्चे भाषा को
- सहज और स्वाभाविक रूप से सीखते हैं
- अभ्यास और यान्त्रिकता से सीखते हैं
- स्वाभाविक और प्रयासपूर्ण तरीके से सीखते हैं
- सहजता और अभ्यास से सीखते हैं
उत्तर : 1
प्रश्न : जो बच्चे विशेष रूप से पढ़ने में कठिनाई महसूस करते हैं, वे
- डिस्याफिया से ग्रस्त होते हैं
- मन्दबुद्धि होते हैं
- डिस्लेक्सिया से ग्रस्त होते हैं
- सीखने में अक्षम होते हैं
उत्तर : 3
प्रश्न : हिन्दी भाषा शिक्षक के रूप में आप किसे सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानते है?
- बच्चों की लेखन-क्षमता का विकास करना
- बच्चों को विभिन्न सन्दर्भों में भाषा प्रयोग सिखाना
- बच्चों की मौखिक अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास करना
- बच्चों के व्याकरण के नियम सिखाना
उत्तर : 2
प्रश्न : हिन्दी भाषा की बारीकी को सही रूप में समझने की क्षमता का विकास करने के लिए आप क्या करेंगे?
- हिन्दी भाषा के विभिन्न प्रयोगों से युक्त सामग्री उपलब्ध कराना
- संस्कृतनिष्ठ हिन्दी भाषा से युक्त सामग्री उपलब्ध कराना
- हिन्दी भाषा के प्राचीनतम प्रयोगों से युक्त सामग्री उपलब्ध कराना
- गूढ़ अर्थ वाली भाषा से युक्त सामग्री पढ़वाना
उत्तर : 1
प्रश्न : ” सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली रूबी कक्षा में सबसे पहले अपना कार्य समाप्त कर लेती है। हिन्दी भाषा शिक्षक के रूप में आप क्या करेंगे?
- रूबी का दूसरे बच्चों के कार्य की जाँच का एकमात्र अधिकारी बताएंगे
- रूबी की दूसरों से तुलना करेंगे
- रूबी को उसकी पसन्द का कार्य करने के लिए कहेंगे
- रूबी से शान्त बैठन के लिए कहेंगे
उत्तर : 3
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने को प्रभावित करता है
- बच्चों द्वारा किया जाने वाला सुलेख
- शिक्षक का भाषा शिक्षण सम्बन्धी रवैया
- शिक्षक द्वारा ली गई लिखित परीक्षा
- भाषा सम्बन्धी गृहकार्य
उत्तर : 2
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर हिन्दी भाषा शिक्षण के लिए क्या अपेक्षित नहीं है?
- स्वाध्यायशीलता का विकास
- सुनकर शब्दशः दोहराने की क्षमता का विकास
- भाषा प्रयोग की क्षमता का विकास
- चिन्तनशीलता का विकास
उत्तर : 2
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर हिन्दी भाषा शिक्षण में सर्वोपरि महत्वपूर्ण सामग्री है
- अभ्यास पत्रक
- अभ्यास पुस्तिका
- पाठ्य-पुस्तक
- बाल साहित्य
उत्तर : 4
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर बहुभाषिक कक्षा में बच्चों के भाषा/भाषाएँ
- एक संसाधन है/हैं
- एक कठिन समस्या है/हैं
- एक पहेली है/हैं
- एक जटिल चुनौती है/हैं
उत्तर : 1
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर का स्वरूप निर्धारित पर हिन्दी भाषा की समावेशी कक्षा करने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है
- अभ्यास कार्य
- शिक्षण प्रक्रिया
- आकलन
- पाठ्य-पुस्तक
उत्तर : 2
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों की मौखिक अभिव्यक्ति का सतत् आकलन करने के लिए सर्वाधिक उचित तरीका है
- प्रश्न पूछना
- परिचर्चा
- प्रतिक्रिया व्यक्त करना
- ये सभी
उत्तर : 4
प्रश्न : भाषा सीखने में सामाजिक अन्तःक्रिया का महत्वपूर्ण स्थान है। इस कथन का सम्बन्ध………से है। –
- स्किनर
- वाइगोत्सकी
- चोंम्स्की
- पियाजे
उत्तर : 2
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर समझकर पढ़ने के सन्दर्भ में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है
- तीव्र गति से पढ़ जाना
- बोल-बोलकर शुद्ध उच्चारण के साथ पढ़ना
- लिखित सामग्री में शब्दों की पहचान करना
- किसी लिखित सामग्री का निहितार्थ समझना
उत्तर : 4
प्रश्न : व्याकरण की समझ को सन्दर्भपरक प्रश्नों के माध्यम से आँकना
- पूर्णत: उचित है
- आंशिक रूप से उचित है
- पूर्णतः असम्भव है
- बिल्कुल अनुचित है
उत्तर : 1
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों की हिन्दी भाषा की। क्षमता के आकलन में प्रकार्यपरक पक्ष पर बल देने का आशय है
- भाषा प्रयोग पर बल देना
- भाषा के कार्यों को बढ़ावा देना
- भाषा-प्रयोग का पक्ष बताना
- भाषा के कार्यों की सूची बनाना
उत्तर : 1
निर्देश नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए निम्नलिखित नौ प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनिए ।
“किसी को देखने के लिए आँख की नहीं, दृष्टि की आवश्यकता होती हैं स्वामी विवेकानन्द का यह कथन इस महिला के जीवन का दर्शन बन गया है। इसी जीवन दर्शन के सहारे उन्होंने एक ओर कठिनाइयों का सामना किया, तो दूसरी ओर सफलता का मार्ग ढूंढ़ा और उस पर निर्भयता से बढ़ चलीं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं मुम्बई की रेवती रॉय की।
रेवती रॉय वह महिला हैं जिन्होंने महिलाओं की कठिनाइयों को ध्यान में रख केवल उन्हीं की सुविधा के लिए ‘फॉरशी’ नाम से कैब सेवा प्रारम्भ की। उद्देश्य स्पष्ट था कामकाजी और जरूरतमन्द महिलाओं को अपने शहर में सुरक्षित सफर का भरोसा देना। यह सेवा उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई जिन्हें महानगरों में मुँह बाए बैठे अपराधी तत्वों या परपीड़ा में आनन्द लेने वालों से प्रायः रोज ही जूझना पड़ता है।
खतरों और आशंकाओं से भरी सड़क परिवहन की जिन्दगी में कदम रखने का निर्णय लेना रेवती के लिए सरल नहीं था। लेकिन कभी कभी विवशता भी प्रेरणा देती है। ऐसे ही अवसरों पर ‘आँख नहीं, दृष्टि’ वाला दर्शन प्ररेक होता है। गम्भीर बीमारी से जूझ रहे पति के इलाज में सारी जमापूँजी चुक जाने के बाद रेवती को अपने अस्तित्व के लिए कुछ-न-कुछ करना था। सो उन्होंने एकदम नया रास्ता चुना। कैब के द्वारा महिलाओं को सुरक्षित यात्रा का आश्वासन।
प्रश्न : कौन-सा विकल्प गद्यांश के मुख्य भाव के सबसे निकट है?
- साहस और खतरे
- पहले घर फिर बाहर
- हिम्मत और जिन्दगी
- हिम्मत करे इन्सान तो क्या काम है मुश्किल
उत्तर : 4
प्रश्न : किस शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों हैं?
- प्रारम्भ
- परिवहन
- सफलता
- कठिनाइयाँ
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘परपीड़ा’ शब्द का गद्यांश में प्रयोग के अनुसार अर्थ है
- दूसरों से पीड़ा
- दूसरों की पीड़ा
- दूसरों में पीड़ा
- दूसरों को पीड़ा
उत्तर : 2
प्रश्न : गद्यांश के प्रारम्भ में उदधृत कथन किसके जीवन का दर्शन बना?
- संघर्षशील व्यक्ति के
- विवेकानन्द के
- रेवती रॉय के
- असुरक्षित महिलाओं के
उत्तर : 3
प्रश्न : रेवती रॉय की कैब सेवा मूलतः किसके लिए है?
- कामकाजी महिलाओं के लिए
- महानगरों के लिए
- जरूरतमन्द के लिए
- मुम्बई के निवासियों के लिए
उत्तर : 1
प्रश्न : कामकाजी महिलाओं को प्रायः नित्य ही जूझना पड़ता है
- मनमानी करने वाले बालकों से
- परिवहन की समस्याओं से
- गृहस्थी की समस्याओं से
- परपीड़क और अपराधी लोगों से
उत्तर : 4
प्रश्न : कैब सेवा प्रारम्भ करने के पीछे कारण था।
- समाजसेवा की भावना
- महिलाओं की कठिनाइयाँ
- सामाजिक दबाव
- पारिवारिक विवशता
उत्तर : 2
प्रश्न : रेवती रॉय ने एकदम नया रास्ता चुना
- खतरों में कदम रखने का
- लोगों की सेवा करने का
- बीमार पति की देखभाल का
- महिलाओं के लिए कैब संचालन
उत्तर : 4
प्रश्न : किस जिन्दगी को खतरों और आशंकाओं से भरा माना गया है?
- ‘फॉरशी’ कैब संचालन की
- कामकाजी महिलाओं की
- महानगरों की
- सड़क परिवहन की
उत्तर : 4
निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए निम्नलिखित छः प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए।
गरजते घन घनन-घन-घन
नाचता है मोर-सा मन,
ऐसी पड़ी झर-झर झड़ी-
भीगा बदन बेसुध है मन।
आज वर्षा अजब आई।
बह रही है मस्त पुरवाई,
नदी है द्वार तक आई।
मेघों से लिपटकर सो गया सूरज -
ले रहे हैं खेत अँगड़ाई।
आज वर्षा गज़ब आई।
प्रश्न : ‘बेसुध है मन’ कहकर कवि बताना चाहता है कि मन –
- गाने लगता है
- झूमने लगता है
- पानी से भीग जाता है
- मस्त हो जाता है
उत्तर : 4
प्रश्न : खेत अँगड़ाइयाँ ले रहे हैं, क्योंकि
- सुबह हो गई, वे नींद से जाग रह हैं
- उन्हें बहुत आनन्द आ रहा है
- सूर्य दिखाई नहीं दे रहा है
- सूर्य के सो जाने से उन्हें भी नींद आ रही है।
उत्तर : 4
प्रश्न : ‘गरजते घन घनन-घन-घन में अलंकार है
- रूपक
- उपमा
- श्लेष
- अनुप्रास
उत्तर : 4
प्रश्न : मन की उपमा किससे दी गई है?
- मोर से
- बादलों से
- सावन से
- वर्षा से
उत्तर : 1
प्रश्न : “लिपटकर सो गया सूरज” का भाव है कि सूर्य
- थक गया है
- छिप गया है
- नींद में है
- खो गया है
उत्तर : 4
प्रश्न : ‘पुरवाई’ से आशय है
- पूर्व की ओर बहने वाली पवन
- मदमस्त करने वाली हवा
- पूर्व से आने वाली वायु
- पूर्व को बहने वाली नदी
उत्तर : ??
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