UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 32 : CTET की परीक्षा प्रारंभ हो चुकी है जो कि 13 जनवरी तक चलने वाली है। जिसके लिए अभ्यार्थी कई महीनों से अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं और इसकी परीक्षा ऑनलाईन माध्यम द्वारा कराई जा रही है। UPTET की परीक्षा भी इसके बाद होने की संभावना है, फ़िलहाल तैयारी का अंतिम समय चल रहा है। सभी अभ्यर्थी अपनी तैयारी बहुत ही तेजी से कर रहे हैं।
ऐसे में इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/CTET के परीक्षा में पूछे गए विगत वर्षों के हिंदी भाषा के 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूती प्रदान कर सकतें हैं।
UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 32 :
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का उद्देश्य है –
- व्याकरण के नियमों को कण्ठस्य कराना
- भाषा की विभिन्न संरचनाओं को यान्त्रिक अभ्यास कराना
- सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन की कुशलता विकसित करना
- भाषा की बारीकी और सौन्दर्यबोध को समझने की क्षमता का विकास करना
उत्तर : 4
प्रश्न : भाषा में पाठ्य पुस्तकों के अतिरिक्त कौन-सा सबसे कम प्रभावशाली है?
- प्रश्नों के उत्तर लिखना
- परिचर्चा करना
- संवाद अद्ययगी
- घटना वर्णन करना
उत्तर : 1
प्रश्न : “हर व्यक्ति को मैंने ही सच्चाई दिखाई।” वाक्य पर चर्चा करने का उद्देश्य है
- बच्चों को संज्ञा के प्रयोग का ज्ञान कराना
- बच्चों को सर्वनाम के प्रयोग का ज्ञान कराना
- बच्चों को क्रिया के प्रयोग का ज्ञान कराना
- बच्चों को भाषा की नियमबद्ध प्रकृति की पहचान और उसका विश्लेषण करना सिखाना
उत्तर : 4
प्रश्न : भाषा के सम्बन्ध में कौन-सा कथन सही नहीं है?
- भारत की भाषिक विविधता एक जटिल चुनौती है
- बहुभाषिकता बच्चे की अस्मिता का निर्माण करती
- भाषाएँ आपस में सम्पर्क संवाद करती हैं
- भाषागत विविधता एक समस्या है
उत्तर : 4
प्रश्न : नेहा अपनी बात कहते समय अपनी मातृभाषा के शब्दों का प्रयोग करती है। आप क्या करेंगे?
- लक्ष्य भाषा के शब्द का प्रयोग करते हुए सहजता उसके वाक्य को दोहराएँगे
- उसे डाँटेंगे कि वह अपनी भाषा के शब्दों का प्रयोग न करे
- उसे बताएंगे कि किसी शब्द विशेष को क्या कहते है
- उसे बताएंगे कि ये शब्द गलत है
उत्तर : 1
प्रश्न : भाषा की कक्षा में यह जरूरी है कि
- भाषा की पाठ्य पुस्तक पर विशेष ध्यान दिया जाए
- बच्चे मानक भाषा में ही बातचीत करें
- भाषिक पृष्ठभूमि के आधार पर किसी को पीछे न छोड़ा जाए
- बच्चों की अधिक-से-अधिक परीक्षाएँ ली जाएँ
उत्तर : 3
प्रश्न : लेखन क्षमता का विकास करने के सन्दर्भ में आपके लिए सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है
- सुन्दर लेखन का अभ्यास
- मानक वर्तनी का प्रयोग
- सुनी-पढ़ी और समझी हुई बातों की स्वाभाविक लिखित अभिव्यक्ति
- दिए हुए बिन्दुओं और निर्देशों के आधार पर निबन्ध लिखना
उत्तर : 3
प्रश्न : भाषा की पाठय पुस्तकों में हिन्दीतर भाषाओं को भी जगह मिलनी चाहिए। इस कथन के समर्थन में कौन-सा तर्क काम करेगा?
- इससे भाषाओं के बीच द्वन्द्व नहीं होगा
- इससे भाषागत विविधता को सही रूप में सम्बोधित किया जा सकता है
- इससे भारत की सभी भाषाओं को स्थान दिया जा सकेगा इससे त्रिभाषा सूत्र का पालन किया जा सकता है
उत्तर : 2
प्रश्न : पूरक पठन सामग्री का उद्देश्य है
- भाषा की नियमबद्धता को सिखाना
- शिक्षक की सहायता से बच्चों को पढ़ाना लिखाना
- द्रुत गति से पठन की योग्यता का विकास करना
- सहपाठियों की सहायता से पढ़ना सीखना
उत्तर : 3
प्रश्न : भाषा की कक्षा को एक समावेशी कक्षा बनाने के लिए यह आवश्यक है कि
- पाठयक्रम को कम कर दिया जाए
- भाषाई कुशलताओं का आकलन न किया जाए
- विभिन्न प्रकार की दृश्य-श्रव्य सामग्री का उपयोग किया जाए
- पाठय-पुस्तक के पाठ कम कर दिए जाएँ
उत्तर : 3
प्रश्न : अन्तः वाक् की संकल्पना किससे सम्बद्ध है?
- चॉम्स्की से
- वाइगोत्स्की से
- पैवलॉव से
- स्किनर से
उत्तर : 2
प्रश्न : “भाषा और चिन्तन में सम्बन्ध होता है।” यह कथन.
- पूर्णतः सही है
- पूर्णतः गलत है
- आंशिक रूप से सही है
- व्यर्थ का है
उत्तर : 1
प्रश्न : हिन्दी भाषा के प्रश्न-पत्र में आप किस सवाल को सबसे बेहतर मानते हैं?
- संज्ञा की परिभाषा बताइए
- लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का क्या नाम था ?
- बाबा भारती क्यों उदास थे?
- अगर आप बाबा भारती की जगह होते तो क्या करते
उत्तर : 4
प्रश्न : कविता- शिक्षण के सन्दर्भ सर्वाधिक महत्त्व देते हैं?
- कविता का एक निश्चित अर्थ होता है।
- कविता के एक से अधिक अर्थ हो सकते हैं
- कविता में सामाजिक परिस्थितियों की झलक नहीं होती
- कविता में राजनीतिक परिस्थितियों की झलक नहीं होती
उत्तर : 2
प्रश्न : कोई भी भाषा पुस्तक तभी सफल मानी जाएगी, जब –
- वह बच्चों में साहित्य की धरोहर और वर्तमान साहित्य के प्रति उत्सुकता बनाए
- वह बच्चों को प्राचीन साहित्य की पूरी जानकारी दे
- वह बच्चों को व्याकरण के नियमों से परिचित कराए
- वह बच्चों को केवल प्रसिद्ध साहित्य से परिचित कराए
उत्तर : 1
निर्देश : दी गई कविता की पंक्तियाँ पढ़कर पूछे गए निम्नलिखित छः प्रश्नों में सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनिए।
चमकीली है सुबह आज की आसमान में,
निश्चय कल की सुबह और चमकीली होगी,
बेचैनी की बाँहों में कल फूल खिलेंगे,
घुटन गमकती साँसों की आवाज सुनेगी।
कुण्ठाओं की टहनी छिन्न-भिन्न होगी फिर,
आशा अपने हाथों से अब कुसुम चुनेगी,
चटकीली है आज चहकती हुई चाँदनी,
कल चन्दा की किरण और चटकीली होगी,
खुल जाएँगे अब सबके दिल के दरवाजे,
आँखें अपनी आँखों को पहचान सकेंगी।
प्रश्न : ‘कुण्ठाओं की टहनी छिन्न-भिन्न होगी’ से तात्पर्य है
- दुःख की अनुभूति खत्म होगी
- पुरानी डाल टूट जाएगी
- निराशा दूर होगी
- मन का दुःख दूर होगा
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘चाँदनी’ का विशेषण है
- चटकीली
- गमकती
- तड़पती
- महकती
उत्तर : 1
प्रश्न : काव्यांश में ‘चमकीली सुबह’ का आशय है
- अन्धकार समाप्ति के बाद आशाभरी सुबह
- सूर्य की किरणों से चमकती सुबह
- सफेद कोहरे से चमकती सुबह
- प्रातः काल का समय
उत्तर : 1
प्रश्न : कवि को विश्वास है कि –
- सुबह का समय सदा सुहाना होता है
- कल की सुबह आज से अच्छी होगी
- सुबह का सूर्य कष्ट दूर करता है
- आज की सुबह सबसे अच्छी होगी
उत्तर : 2
प्रश्न : ‘दिल के दरवाजे खुल जाएँगे’ का क्या अर्थ है?
- आपस में बातें करेंगे
- दिलों में सबके प्रति मित्रता रहेगी
- कोई बात छिपी नहीं रहेगी
- हृदय से हृदय मिलेंगे
उत्तर : 2
प्रश्न : ‘कुसुम’ का पर्यायवाची शब्द नहीं है
- कमल
- पुष्प
- प्रसून
- सुमन
उत्तर : 1
निर्देश : नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित नौ प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प को चुनिए।
पर्यावरण के प्रति गहरी संवेदनशीलता प्राचीनकाल से ही मिलती है। अथर्ववेद में लिखा है- भूमि माता है, हम पृथ्वी की सन्तान है। एक स्थान पर यह लिखा है कि हे पवित्र करने वाली भूमि, हम कोई ऐसा काम न करें जिससे तेरे हृदय को आघात पहुँचे। हृदय को आघात पहुँचाने का यहाँ अर्थ है पृथ्वी के पारिस्थितिकी तन्त्र के साथ क्रूर छेड़छाड़। हमें प्राकृतिक संसाधनों के अप्राकृतिक और असीमित दोहन से बचाना होगा। आज आवश्यकता इस बात की है कि विश्व के तमाम राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के गम्भीर खतरे को लेकर आपसी मतभेद भुला दे और अपनी-अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाएँ, ताकि समय रहते सर्वनाश से उबरा जा सके। विश्व-विनाश से • निपटने के लिए सामूहिक एवं व्यक्तिगत प्रयासों की जरूरत है। इस • दिशा में आन्दोलन हो रहे हैं। अरण्य रोदन के बदले अरण्य-संरक्षण की बात हो रही है, सचमुच हमें आत्मरक्षा के लिए पृथ्वी की रक्षा करनी होगी। भूमि माता है और हम उसकी सन्तान-इस कथन को चरितार्थ करना होगा।
प्रश्न : ‘सर्वनाश से उबरा जा सके’- ‘उबरा’ का अर्थ है
- हटा
- निपटा
- बचा
- तरा
उत्तर : 3
प्रश्न : गद्यांश में ‘चरितार्थ करना’ का उल्लेख है। इसका आशय है
- बहस करना
- अपनाना
- सिद्ध करना
- चरित्र चित्रण करना
उत्तर : 3
प्रश्न : विश्व के सभी देशों से अपेक्षा की गई कि वे
- पर्यावरण की रक्षा करें
- अपने उत्तरदायित्व ईमानदारी से निभाऐं
- व्यक्तिगत प्रयास करें
- मिलजुल कर कार्य करें
उत्तर : 2
प्रश्न : ‘अरण्य-संरक्षण’ का अर्थ है
- वनों की रक्षा
- पर्यावरण की रक्षा
- प्रकृति की रक्षा
- सभी की रक्षा
उत्तर : 1
प्रश्न : ‘हम पृथ्वी की सन्तान है’-‘हम’ से तात्पर्य है
- संसार के सभी लोग
- हम सभी नागरिक
- एक खास देश के लोग
- हम भारतवासी
उत्तर : 1
प्रश्न : ‘पर्यावरण’ का सन्धि-विच्छेद होगा
- पर् + आवरण
- पर् + यावरण
- परि + आवरण
- परि + यावरण
उत्तर : 3
प्रश्न : हम प्रकृति के हृदय को आघात पहुँचाते हैं यदि हम
- पारिस्थितिकी से छेड़छाड़ करते हैं
- पृथ्वी की खुदाई करते हैं
- संसाधनों का दोहन करते हैं।
- पृथ्वी से बुरा व्यवहार करते हैं
उत्तर : 1
प्रश्न : जो सम्बन्ध माँ और उसकी सन्तान में है, वहीं सम्बन्ध है
- पृथ्वी और पृथ्वी निवासियों में
- माता और पुत्र में
- धरती और सभी देशों में
- प्रकृति और पर्यावरण में
उत्तर : 1
प्रश्न : ‘क्रूर’ शब्द है
- सर्वनाम
- क्रिया
- विशेषण
- संज्ञा
उत्तर : ??