UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 29 : उत्तर प्रदेश में CTET की परीक्षा शुरू हो चुकी है CTET की लिखित परीक्षा ऑनलाइन माध्यम द्वारा कराई जा रही है तथा UPTET की परीक्षा 28 नवंबर 2021 को आयोजित होने वाली थी लेकिन पेपर लीक हो जाने के कारण परीक्षा प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया, लगातार CTET की परीक्षा डेट को लेकर नए अपडेट आ रहे है, परीक्षा अपडेट के अनुसार यह प्रतीत होता है कि इसकी परीक्षा 1 महीने में आयोजित हो जाएगी।
ऐसे मे इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/ CTET के परीक्षा मे पुछे गए विगत वर्षो के परीक्षा में पूछें गए 30 महत्वपूर्ण हिन्दी भाषा के प्रश्नों और उनके उत्तरों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूत बना सकते हैं।
UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 29
प्रश्न : सुमन बचपन से ही गुजराती बोल- समझ लेती है। वह कभी विद्यालय नहीं जाती है। यह उदाहरण है
- भाषा-अर्जन का
- सुमन की प्रतिभा का
- भाषा में पिछड़ेपन का
- भाषा सीखने का
उत्तर : 1
प्रश्न : भाषा मे सतत् और व्यापक मूल्यांकन का उद्देश्य है
- केवल बच्चों की कमियाँ जना
- केवल यह जानना कि बच्चों ने कितना सीखा
- बच्चों को उत्तीर्ण-अनुत्तीर्ण श्रेणी में रखना
- बच्चों द्वारा भाषा सीखने की प्रक्रिया को जानना, समझना
उत्तर : 4
प्रश्न : सस्वर पठन का मुख्य उद्देश्य है –
- मौन पठन करना
- बच्चों की पढ़ने-सम्बन्धी झिझक को समाप्त करना
- बोल-बोलकर पढ़ना
- द्रुत गति से पठन करना
प्रश्न : 2
प्रश्न : भाषा –
- जानने का अर्थ उसका व्याकरण जानना है
- सीखने-सिख़ाने में पाठ्य पुस्तकों का विशेष महत्व होता है
- जीवन की विभिन्न स्थितियों को साधती है
- व्याकरण पर ही आधारित होती है
उत्तर : 3
प्रश्न : भाषा की कक्षा में समाचार पत्र-पत्रिकाओं का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि
- शिक्षण सामग्री का उपयोग हो रहा है
- बच्चों की भाषा पर समाचार पत्र-पत्रिकाओं का प्रभाव पड़े
- बच्चों को मुख्य शीर्षक याद है
- बच्चे प्रमाणित लेख, समाचार आदि पर अपनी प्रतिक्रिया देने की क्षमता रखते हैं
उत्तर : 4
प्रश्न : सुलेखा जब-तब बच्चों के साथ बातचीत करती रहती है। वह –
- बच्चों को वाचाल बनाना चाहती है
- सदैव बच्चों की परीक्षा ले रही है
- समय नष्ट कर रही है
- बच्चों को भाषा अर्जित करने के लिए परिवेश दे रही है।
उत्तर : 4
प्रश्न : भाषा-शिक्षण में कौन-सा बिन्दु सबसे कम महत्वपूर्ण है?
- भाषायी अभ्यास
- पाठ्य-सामग्री
- भाषिक परिवेश
- परीक्षाएँ
उत्तर : 2
प्रश्न : सतत् मूल्यांकन का एक निहितार्थ है
- बच्चों के भाषा प्रयोग का निरन्तर अवलोकन करना
- बच्चों के परीक्षा सम्बन्धी भय को समाप्त करना
- प्रतिदिन परीक्षाएँ लेना
- हर महीने परीक्षाएँ लेना
उत्तर : 1
प्रश्न : भाषा के आधारभूत कौशल
- क्रमबद्ध रूप से चलते हैं
- हमेशा अर्जित किए जाते हैं
- सर्वथा पृथक् हैं
- अन्तः सम्बन्धित होते हैं
उत्तर : 2
प्रश्न : आकलन
- मूलतः शिक्षक-केन्द्रित ही होता है
- केवल यह बताता है कि बच्चे ने क्या नहीं सीखा
- भाषा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग है।
- पाठ-समाप्ति पर ही किया जाता है।
उत्तर : 3
प्रश्न : मौखिक भाषा के आकलन का सर्वोत्तम तरीका है
- किताब पढ़ना
- अन्त्याक्षरी
- प्रश्नों के तयशुदा उत्तर देना
- अनुभव बाँटना व बातचीत
उत्तर : 4
प्रश्न : स्वाभाविक अभिव्यक्ति, कल्पनाशीलता, कौशल और सोच को विकसित करना
- भाषा-शिक्षण को किसी प्रकार की दिशा नहीं देता
- भाषा-शिक्षण का एकमात्र उद्देश्य है।
- भाषा-शिक्षण का उद्देश्य नहीं है।
- भाषा-शिक्षण का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है
उत्तर : 4
प्रश्न : शिक्षक की स्वयं की भाषा प्रयोग की कुशलता है
- बच्चों के भाषा प्रयोग के लिए आदर्श रूप प्रस्तुत करती है
- बच्चों के भाषा प्रयोग पर कोई प्रभाव नहीं डालती है
- बच्चों को आलंकारिक भाषा प्रयोग के लिए प्रेरित करती है
- बच्चों की भाषा का अनुकरण करने के लिए बाध्य करती है
उत्तर : 1
प्रश्न : भाषा-अर्जन और भाषा-अधिगम में महत्त्वपूर्ण अन्तर है
- भाषा का कठिनाई स्तर
- भाषा की पाठ्य पुस्तक
- भाषा सीखने-सिखाने की पद्धति
- भाषिक परिवेश की उपलब्धता
उत्तर : 4
प्रश्न : भाषा की पाठ्य पुस्तक में….. से सम्बन्धित पाठ होने चाहिए।
- विज्ञान
- संस्कृति
- साहित्य
- ये सभी
उत्तर : 3
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के लिए सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
किसे कहूँ मैं शिक्षा? क्या है शिक्षा का सच? कैसा होता है। शिक्षित व्यक्ति और कैसा होता है पढ़ा-लिखा समाज ? मेरे गुरु श्री दयालचन्द्र जी सोनी तो पूरी एक काव्यात्मक पुस्तक लिख गए। इस पुस्तक का नाम है हूँ अणिभणियों शिक्षित हूँ’। उनका आशय स्पष्ट है कि हर पढ़ा-लिखा आदमी अनपढ़ है। उन्होंने जब यह पुस्तक लिखी तो साफ कहा कि यह किताब उनके पूरे जीवन की शिक्षा का सार है। तब फिर हमें यह भी मान लेना चाहिए कि हमारा पूरा पढ़ा लिखा समाज खासा अनपढ़ है, अशिक्षित है। तब फिर बताइए कि शिक्षा को कहाँ खोजें ?
कहते हैं कि शिक्षा बालक के जन्म के साथ बालक को मिली प्रतिभा का विकास है। उसकी सोई हुई शक्तियों को जगाने का नाम शिक्षा है। मगर ऐसा तो तब सम्भव है जब हम जान लें कि कौन कौन सा बालक कौन-कौन सी प्रतिभा के साथ पैदा हुआ है? उसके शरीर में एवं उसके मन-मस्तिष्क में कौन-कौन सी शक्तियाँ सोई हुई है?
इसका अर्थ यह हुआ कि जो बालक शाला में आया है उसको हम पहले पढ़े। हर बालक को पढ़-पढ़ कर पहचाने कि वह क्या है? उसकी प्रदत्त प्रतिभा क्या है? और कौन-कौन सी सुषुप्त शक्तियों को लिए हुए वह हमारे सामने उपस्थित हुआ है ?
प्रश्न : बच्चों को शिक्षा देने के लिए सबसे पहले क्या जरूरी है?
- प्रतिभाओं के विभिन्न रूप जानना
- बच्चों को प्रतिभाओं के अनुसार वर्गीकृत करना
- बच्चों की समस्त क्षमताओं, प्रतिभाओं को जानने के लिए उन्हें पढ़ना
- बच्चों को पढ़ाना
उत्तर : 3
प्रश्न : इस गद्यांश में शिक्षा का कौन-सा सिद्धान्त निहित है?
- सभी बच्चे समान रूप से प्रतिभाशाली होते हैं
- सभी बच्चों में वैयक्तिक भिन्नता होती है
- शक्तियाँ सदैव सुषुप्त अवस्था में ही रहती हैं
- पढ़े-लिखे लोग अनपढ़ होते हैं
प्रश्न : शिक्षा का अर्थ है.
- बच्चों को जानकारी देना
- बच्चों को केवल अक्षर ज्ञान देना
- बच्चों को शक्तिशाली बनाना
- बच्चों में विद्यमान शक्तियों का प्रस्फुटित करना
उत्तर : 4
प्रश्न : लेखक के अनुसार
- सभी बच्चे समान रूप से प्रतिभाशाली होते हैं
- बच्चों में अलग-अलग प्रतिभा होती है
- सभी बच्चे शाला जाकर प्रतिभाशाली बन जाते हैं
- सभी बच्चों की शक्तियाँ सुषुप्त अवस्था में ही रहती है
उत्तर : 2
उत्तर : 4
प्रश्न : हर बालक को पढ़-पढ़ कर पहचानें कि वह क्या है? वाक्य में ‘पहचानें’ क्रिया का कर्ता हो सकता है
- मैं
- तुम
- हम
- वह
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘शरीर’ में इक प्रत्यय लगाने पर शब्द बनेगा
- शरीरिक
- शारीरिक
- शारीरीक
- शारिरिक
उत्तर : 2
प्रश्न : लेखक के अनुसार शिक्षित होना और साक्षर होना
- दोनों समान है।
- दोनों में मूलभूत अन्तर होता है
- दोनों पर्यायवाची हैं
- दोनों में थोड़ा-बहुत अन्तर है
उत्तर : 2
प्रश्न : ‘उसकी प्रदत्त प्रतिभा क्या है?” वाक्य है
- विधानवाचक
- नकारात्मक
- प्रश्नवाचक
- सन्देहवाचक
उत्तर : 3
प्रश्न : यहाँ पढ़ा-लिखा’ होने से तात्पर्य है
- शिक्षित होना
- साक्षर होना
- अशिक्षित होना
- निरक्षर होना
उत्तर : 2
निर्देश (प्र.सं. 40-45) निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के लिए सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए।
दम्भ का जहाँ जहाँ पड़ाव था,
सत्य से जहाँ जहाँ दुराव था,
वह चला कि अग्नि-बाण मारता,
पाप की अहा अहा उजाड़ता,
वज्र बन गिरा गिरे विचार पर!
प्रश्न : ‘गिरे विचार’ से तात्पर्य हैं
- सभी प्रकार के विचार
- मिथ्या विचार
- सत्य और हित से परे विचार
- उलझे विचार
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘दुराव’ शब्द से तात्पर्य है
- दुर्गम
- आवरण
- काठिन्
- बैर
उत्तर : 4
प्रश्न : ‘जहाँ-जहा’ शब्द है
- एकार्थी शब्द-युग्म
- पुनरुक्त शब्द-युग्म
- विपरीतार्थक शब्द-युग्म
- भिन्नार्थी शब्द-युग्म
उत्तर : 2
प्रश्न : नौजवान शहीद ने अग्नि-बाण इसलिए चलाए क्योंकि वह
- अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहता था
- सुराज स्थापित करना चाहता था
- व्रज गिराना चाहता था
- अपनी शक्ति की गरिमा बनाए रखना चाहता था
उत्तर : 2
प्रश्न : ‘पाप’ का विलोम शब्द है
- प्रायश्चित्त
- पुण्य
- अपाप
- निरपराध
उत्तर : 2
प्रश्न : नौजवान शहीद ने किसे नष्ट किया?
- अहंकार को
- असत्य को
- अहंकार और सत्य को
- अहंकार और असत्य को
उत्तर : ??