UPTET/CTET हिंदी भाषा प्रैक्टिस सेट 28 : परीक्षा में बैठने से पहले इन 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों का अवश्य कर लें अध्ययन

UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 28 : जैसा आप सभी को पता होगा कि CTET की परीक्षा 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक चलने वाली है, तथा इसकी परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से कराई जानी है, और UPTET की परीक्षा की कोई निर्धारित तिथि का पता नहीं चला है, लेकिन इसकी परीक्षा CTET की परीक्षा होने के बाद होने की संभावना है। जिसके लिए परीक्षार्थी कई महीनों से अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। फ़िलहाल तैयारी का आखिरी पड़ाव चल रहा है।

ऐसे मे इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/ CTET के परीक्षा मे पुछे गए विगत वर्षो के 30 महत्वपूर्ण हिन्दी भाषा के प्रश्नो और उनके उत्तरो से अवगत कराएंगे , जिसका अध्ययन कर के आप अपनी परीक्षा की तैयारी को और भी मजबूती प्रदान कर सकते हैं।

UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 28
UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 28

UPTET/CTET Hindi Language Practice Set 28

प्रश्न : माधुरी पढ़ते समय कभी-कभी वाक्यों, शब्दों की पुनरावृत्ति करती है। इसका यह भाषायी व्यवहार दर्शाता है कि

  • वह समझ के साथ पढ़ने की कोशिश कर रही है
  • वह अटक-अटककर ही पढ़ सकती हैं
  • उसे पढ़ना बिल्कुल नहीं आता
  • वह पढ़ने में ज्यादा समय लेती है

उत्तर : 1

प्रश्न : ‘उसने पढ़ा।’, ‘उसने खाया।’ और ‘उसने चीखा।’ जैसे भाषा-प्रयोग दर्शाते हैं

  • नियम का उल्लंघन
  • सन्दर्भ की समझ न होना
  • नियम कंठस्थ न होना
  • नियमों का अति सामान्यीकरण

उत्तर : 3

प्रश्न : व्याकरण-शिक्षण के सन्दर्भ में कौन-सा कथन सही है?

  • व्याकरण-शिक्षण के लिए समय-सारणी में अलग से काव्यांशों की व्यवस्था होनी चाहिए
  • भाषा-प्रयोग की अपेक्षा भाषा-नियमों को ही महत्व देना चाहिए
  • बच्चे परिवेश में उपलब्ध भाषिक प्रयोगों के स्वयं भाषा के नियम बनाने की क्षमता रखते हैं
  • व्याकरण-शिक्षण अत्यन्त आवश्यक है

उत्तर : 4

प्रश्न : भाषा की पाठ्य-पुस्तक में ऐसे पाठ रखे जाएँ जो

  • केवल व्याकरणिक नियमों का ही अभ्यास कराते हों
  • अत्यन्त छोटे हों
  • सरल भाषा से युक्त
  • बच्चों के परिवेश से जुड़े हों

उत्तर : 4

प्रश्न : कक्षा में मौजूद बहुभाषिकता

  • बच्चों को ‘लक्ष्य भाषा’ सीखने के लिए हतोत्साहित करती है
  • शिक्षक के लिए एक जटिल और कठोर चुनौती है
  • भाषा-शिक्षण में बाधक है
  • भाषा-शिक्षण में एक संसाधन के रूप में प्रयुक्त हो सकती है

उत्तर : 4

प्रश्न : द्वितीय भाषा के रूप में हिन्दी सीखने का मुख्य उद्देश्य है

  • मानक हिन्दी लिखने में निपुणता प्राप्त करना
  • हिन्दी और अपनी मातृभाषा के अन्तर को कंठस्थ करना
  • हिन्दी के व्याकरण पर अधिकार प्राप्त करना
  • दैनिक जीवन में हिन्दी में समझने तथा बोलने की क्षमता का विकास करना

उत्तर : 4

प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का उद्देश्य नहीं है?

  • सही रूप में समझना
  • व्याकरण के नियमों को रटना
  • निजी अनुभवों के आधार पर भाषा का सृजनशील प्रयोग
  • दूसरों के अनुभवों से जुड़ पाना और सन्दर्भों में चीजों को समझना

उत्तर : 2

प्रश्न : सपना अपनी कक्षा के बच्चों को मौखिक अभिव्यक्ति के अवसर देने के लिए अनेक क्रिया-कलाप करती है। आप निम्नलिखित में से सबसे ज्यादा प्रभावी किसे मानते हैं?

  • विभिन्न परिस्थितियों से संवाद अदायगी करना
  • शब्दों को जोर-जोर से बोलना
  • कहानी को बोल-बोलकर पढ़ना
  • समाचार पत्र का वाचन करना

उत्तर : 1

प्रश्न : सुहेल एक साल पहले असोम से पंजाब आया है। वह हिन्दी भाषा का प्रयोग करते समय त्रुटियाँ करता है। एक शिक्षक के रूप में आप किस कथन को सही मानेंगे?

  • उसे रोज एक घण्टा हिन्दी भाषा के शब्द बोलने का अभ्यास कराना चाहिए
  • सुहेल को भाषा प्रयोग के अधिकाधिक अवसर व प्रोत्साहन देना चाहिए
  • सुहेल को बार-बार उसकी त्रुटियों के बारे में बताना चाहिए,
  • सुहेल की मातृभाषा का प्रभाव लक्ष्य भाषा पर नहीं पड़ने देना चाहिए

उत्तर : 2

प्रश्न : भाषा के सन्दर्भ में निदानात्मक परीक्षण का उद्देश्य है

  • बच्चों हेतु भाषा प्रयोग के अवसर जुटाना
  • बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करना
  • बच्चों की विभिन्न श्रेणियों में विभक्त करना
  • बच्चों की भाषा प्रयोग सम्बन्धी कठिनाइयों के सम्भावित कारणों की पहचान करना

उत्तर : 4

प्रश्न : भाषा के सतत् और व्यापक मूल्यांकन का उद्देश्य है

  • बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को समझकर उपयुक्त शिक्षण अधिगम प्रक्रिया अपनाना
  • अगली कक्षा में प्रोन्नत करने हेतु साक्ष्य जुटाना
  • बच्चों की त्रुटियों को पहचान करना
  • मूल्यांकन की परम्परा का निर्वाह करना

उत्तर : 1

प्रश्न : उपचारात्मक शिक्षण की सफलता मुख्यतः निर्भर करती है

  • बच्चों की समाज-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर
  • बच्चों की भाषागत त्रुटियों की सूची बनाने पर
  • समस्याओं की पहचान पर
  • समस्याओं के कारणों की सही पहचान पर

उत्तर : 3

प्रश्न : उच्च कक्षाओं में

  • साहित्य साध्य है और भाषा-कौशल साधन
  • केवल छन्द – अलंकारों को समझने के प्रयास करना ही भाषा-शिक्षण का उद्देश्य है
  • भाषा-कौशल साध्य है और साधन है- साहित्य
  • भाषा की पाठ्य-पुस्तक अत्यन्त महत्वपूर्ण है

उत्तर : 3

प्रश्न : भाषा-अर्जन

  • शिक्षक की आवश्यक उपस्थिति की माँग करता है
  • भाषा की कक्षा में ही सम्भव है।
  • सहज, स्वाभाविक होता है
  • प्रयासपूर्ण होता है

उत्तर : 3

प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा-शिक्षण की प्रक्रिया में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है

  • पाठ्य-पुस्तक में दिए गए साहित्यिक अंशों की विस्तृत व्याख्या
  • पठन-कौशल पर अधिक बल देना
  • पाठों के शब्दों का अर्थ जानने के लिए शब्दकोश का प्रयोग करना
  • समाचार पत्र पत्रिकाओं या अन्य भाषिक सामग्री में कहीं गई बात के निहितार्थ, सोच, सरोकार की पहचान करना

उत्तर : 4

निर्देश : निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर, इस पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

 मेघ आए, बड़े बन ठन के सँवर के
 आगे-आगे नाचती गाती बयार चली 
 दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली
 पाहुन ज्यों आए हो गाँव में शहर के
 मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के 
 पेड़ झुक-झाँकने लगे गरदन उचकाए 
 आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,
 बाँकी चितवन उठा नदी ठिठकी घूँघट सरके। 
 मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के। 
 बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की 
 बरस बाद सुधि लीन्ही 
 बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की 
 हरसाया ताल लाया पानी परात भर के 
 मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के 
 क्षितिज-अटारी गहराई दामिनी दमकी, 
 क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की 
 बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके,
 मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के । 

प्रश्न : ‘मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के’ पक्ति का भाव किसमें है?

  • बादलों ने सूरज को ढक लिया है
  • बादलों ने बिजली से शृंगार किया है
  • बादल सज-धज कर आए हैं।
  • भूरे-काले बादल आकाश में घिर आए हैं

उत्तर : 3

प्रश्न : मेघों के आने से लगता है

  • बादल आसमान में छा गए है।
  • मानों कही उत्सव मनाया जा रहा है।
  • मानों गाँव में शहर से मेहमान आए हों
  • उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर : 3

प्रश्न : ‘बरस बाद सुधि लीन्ही’- इस पंक्ति का भाव किसमें है?

  • बादल एक बरस के बाद आए हैं
  • बादलों ने याद किया है।
  • बादल बन सँवर कर आए हैं
  • बादल मेहमान बन कर आए हैं।

उत्तर : 1

प्रश्न : पूरी कविता में कौन-सा अलंकार है?

  • श्लेष अलंकार
  • मानवीकरण अलंकार
  • रूपक अलंकार
  • उत्प्रेक्षा अलंकार

उत्तर : 2

प्रश्न : बूढ़े पीपल ने किस प्रकार मेघों का स्वागत किया?

  • झुककर प्रणाम करके
  • प्रसन्न होकर
  • गले लगाकर
  • उलाहना देकर

उत्तर : 1

प्रश्न : ‘पाहुन’ शब्द का क्या अर्थ है?

  • आना
  • मेहमान
  • पालना
  • पैर

उत्तर : 2

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

गिजुभाई न केवल बच्चों की क्षमताओं, बौद्धिकता में विश्वास व्यक्त करते हैं अपितु वे उनकी सृजनात्मकता में भी अगाध आस्था रखते हैं। उनके अनुसार कुछ हत्याएँ पीनल कोड की धारा के अधीन नहीं आती। उनमें कानूनवेत्ताओं को अपराध जैसी कोई चीजें नजर नहीं आती। कानूनवेत्ताओं की न्याय नीति-सम्बन्धी मर्यादाएँ सिर्फ पीनल कोड से बँधी होती हैं। शिक्षाशास्त्रियों के पास राज्य, रूढ़ि अथवा धर्म की कोई सत्ता नहीं है इसलिए जीवन के प्रति जो अपराध होते हैं उसके लिए न कोई पीनल कोड, न कोई उन्हें निंदनीय मानता है, न कोई धार्मिक भय है। जीवन के प्रति होने वाला एक ऐसा ही अपराध है- बालक सृजन-शक्ति की हत्या। ईश्वर ने मनुष्य का सृजन किया और उसे अपनी सृजन शक्ति प्रदान की तथा ईश्वर की शक्ति मनुष्य के सृजन की अनन्त शक्ति के समान ही अनगिनत है। साहित्य एक सृजन है, चित्रकला दूसरा सृजन है, संगीत तीसरा सृजन है और स्थापत्य चौथा सृजन है। इस तरह गिनने बैठा जाए तो मनुष्य के द्वारा बनाई गई अनेकानेक कृतियों को गिनाया जा सकता है। जब शिक्षक या अभिभावक यह तय करते हैं कि बच्चे को क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए- वस्तुतः इस निर्णयों में ही वे बालक की सृजन-शक्ति का दमन कर देते हैं।

प्रश्न : गिजुभाई का किसमें विश्वास नहीं है?

  • उनकी रचनात्मकता में
  • उनके भविष्य का निर्णय शिक्षकों एवं अभिभावकों द्वारा तय करने में
  • बच्चों की बौद्धिकता में
  • उनकी क्षमताओं में

उत्तर : 2

प्रश्न : कौन-सा अपराध पीनल कोड की धारा के अधीन नहीं आता है?

  • बालक की सृजन-शक्ति का दमन
  • रिश्वत लेना
  • धोखाधड़ी करना
  • चोरी करना

उत्तर : 1

प्रश्न : ‘बच्चे क्या करें और क्या न करें जब शिक्षक और
अभिभावक यह तय करते हैं तब

  • बच्चे में रचनात्मकता भर जाती है
  • अभिभावक व बच्चों के सम्बन्धों में प्रगाढ़ता आती है
  • बच्चे में पढ़ने-लिखने के प्रति रुचि जाग्रत
  • बच्चे में सृजन-शक्ति का दमन होता है।

उत्तर : 4

प्रश्न : निम्नलिखित में से ‘सृजन’ के अन्तर्गत नहीं आता है

  • किसी विषय पर अपने विचार लिखना
  • प्रश्नों के उत्तर रटना
  • कहानी-लेखन
  • मिट्टी से खिलौने बनाना

उत्तर : 2

प्रश्न : ‘साहित्य’ शब्द में ‘इक’ प्रत्यय लगाने पर शब्द बनेगा

  • साहित्यीक
  • सहित्यिक
  • साहित्यिक
  • साहित्यइक

उत्तर : 3

प्रश्न : बौद्धिक, ऐतिहासिक शब्दों में मूल शब्द तथा प्रत्यय हैं

  • बौद्ध (मूल शब्द) + ‘इक’ प्रत्यय, ऐतिहास (मूल शब्द) + ‘इक’ प्रत्यय
  • बुद्ध (मूल शब्द) + ‘इक’ प्रत्यय, इतिहास (मूल शब्द) + ‘इक’ प्रत्यय
  • बौद्धि (मूल शब्द) + ‘क’ प्रत्यय, ऐतिहास (मूल शब्द)’इक’ प्रत्यय
  • बुद्धि (मूल शब्द) + ‘इक’ प्रत्यय, इतिहास (मूल शब्द) + ‘इक’ प्रत्यय

उत्तर : 4

प्रश्न : न्याय-नीति में …….. समास है।

  • कर्मधारय
  • अव्ययीभाव
  • द्वन्द्व समास
  • तत्पुरुष

उत्तर : 2

प्रश्न : ‘ईश्वर’ का पर्यायवाची नहीं है –

  • जगदीश
  • परमात्म
  • परमेश्वर
  • ब्रह्मा

उत्तर : 4

प्रश्न : ‘समान’ का विलोम शब्द है

  • सामना
  • सामान
  • असमानता
  • असमान

उत्तर : ??

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