CTET बाल विकास प्रैक्टिस सेट 35 : परीक्षा में शामिल होने से पहले इन 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों का अध्ययन अवश्य करें

CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 35 : CTET की परीक्षा शुरू हो चुकी है और यह परीक्षा 13 जनवरी 2022 तक चलने वाली है। इस परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों ने बहुत मेहनत की है.

ऐसे में इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/CTET के परीक्षा में पूछे गए विगत वर्षों के बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र के 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूत बना सकतें हैं।

ctet child development practice set 35
CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 35

UPTET/CTET बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र प्रैक्टिस सेट 35

निर्देश (प्र. सं. 1-30)- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सही/सबसे उपयुक्त विकल्प का चुनाव करें।

प्रश्न . भाषा के अर्जन एवं विकास के लिए सर्वाधिक संवेदनशील अवधि कौन-सी है?

  • जन्म पूर्व अवधि
  • प्रारम्भिक बाल्यावस्था
  • मध्य बाल्यावस्था
  • किशोरावस्था

उत्तर -2

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सी लॉरेंस कोहलबर्ग के द्वारा प्रस्तावित नैतिक विकास की एक अवस्था है?

  • प्रसुप्ति अवस्था
  • सामाजिक अनुबन्ध अभिविन्यास
  • मूर्त संक्रियात्मक अवस्था
  • उद्योग बनाम अधीनता अवस्था

उत्तर -2

प्रश्न. कक्षा में परिचर्चा के दौरान एक शिक्षक प्रायः लड़कियों की तुलना में लड़कों पर अधिक ध्यान देता है। यह किसका उदाहरण है?

  • जेण्डर पक्षपात
  • जेण्डर पहचान
  • जेण्डर सम्बद्धता
  • जेण्डर समरूपता

उत्तर -1

प्रश्न. बच्चों में जेण्डर रूढ़िवादिता एवं जेण्डर-भूमिका अनुरूपता को कम करने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी पद्धति प्रभावशाली है?

  • जेण्डर-पक्षपात के बारे में परिचर्चा
  • जेण्डर-विशिष्ट भूमिकाओं को महत्त्व देना
  • जेण्डर-पृथक खेल समूह बनाना
  • जेण्डर-पृथक बैठने की व्यवस्था करना

उत्तर -1

प्रश्न. निम्नलिखित में से किस मनोवैज्ञानिक ने बच्चों को ज्ञान के सक्रिय जिज्ञासु के रूप में देखते हुए उनके चिन्तन पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषय-वस्तुओं के प्रभाव को महत्त्व दिया?

  • जॉन बी. वाट्सन
  • लेव वाइगोत्स्की
  • जीन पियाजे
  • लॉरेंस कोहलबर्ग

उत्तर -2

प्रश्न. जिग-सॉ पहेली को करते समय 5 वर्ष की नज्मा स्वयं से कहती है, “नीला टुकड़ा कहाँ है ? महीं, यह वाला नहीं, गाढ़े रंग वाला जिससे यह जूता पूरा बन जाएगा।” इस प्रकार की वार्ता को वाइगोत्स्की किस तरह सम्बोधित करते हैं?

  • व्यक्तिगत वार्ता
  • जोर से बोलना
  • पाड़ (ढाँचा)
  • आत्मकेन्द्रित वार्ता

उत्तर -1

प्रश्न. बच्चों को संकेत देना तथा आवश्यकता पड़ने पर सहयोग प्रदान करना, निम्नलिखित में से किसका उदाहरण है?

  • प्रबलन
  • मॉडलिंग
  • अनुबन्धन
  • पाड़ (ढाँचा)

उत्तर -4

प्रश्न. निम्नलिखित व्यवहारों में से कौन-सा जीन पियाजे के द्वारा प्रस्तावित ‘मूर्त संक्रियात्मक अवस्था’ को विशेषित करता है?

  • परिकल्पित-निगमनात्मक तर्क;साध्यात्मक विचार
  • संरक्षण, कक्षा समावेशन
  • आस्थगित अनुकरण; पदार्थ स्थायित्व
  • प्रतीकात्मक खेल; विचारों की अनुत्क्रमणीयता

उत्तर -2

प्रश्न. बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सी पियाजे की संरचना है?

  • स्कीमा
  • अनुबन्धन
  • अवलोकन अधिगम
  • प्रबलन

उत्तर -1

प्रश्न. आकलन का प्राथमिक उद्देश्य क्या होना चाहिए?

  • विद्यार्थियों के लिए श्रेणी निश्चित करना।
  • सम्बन्धित अवधारणाओं के बारे में बच्चों की स्पष्टता तथा भ्रान्तियों को समझना हैं।
  • विद्यार्थियों के प्राप्तांकों के आधर पर उनको नामांकित करना है।
  • रिपोर्ट कार्ड में उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण अंकित करना।

उत्तर -2

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा बुद्धि के बारे में सही है ?

  • बुद्धि एक निश्चित योग्यता है जो जन्म के समय ही निर्धारित होती है।
  • बुद्धि को मानकीकृत परीक्षणों के प्रयोग से सटीक रूप से मापा एवं निर्धारित किया जा सकता है।
  • बुद्धि एक एकात्मक कारक तथा एक एकांकी विशेषक है।
  • बुद्धि बहु-आयामी है जटिल योग्यताओं का एक समूह है ।

उत्तर -4

प्रश्न. रूही हमेशा समस्या के एकाधिक समाधानों के बारे में सोचती है। इनमें से काफी समाधान मौलिक होते हैं। रूही किन गुणों का प्रदर्शन कर रही है ?

  • सृजनात्मक विचारक
  • अभिसारिक विचारक
  • अनम्य विचारक
  • आत्म-केन्द्रित विचारक

उत्तर -1

प्रश्न. शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में, वंचित समूह से सम्बन्धित विद्यार्थियों के द्वारा सहभागिता कम होने की स्थिति में एक शिक्षक को क्या करना चाहिए?

  • बच्चों को विद्यालय छोड़ने के लिए कहना चाहिए।
  • इस स्थिति को जैसी है, स्वीकार कर लेना चाहिए।
  • इन विद्यार्थियों से अपनी अपेक्षाओं को कम करना चाहिए।
  • अपनी शिक्षण पद्धति पर विचार करना चाहिए तथा बच्चों की सहभागिता में सुधार करने के लिए नए तरीके ढूँढ़ने चाहिए।

उत्तर -4

प्रश्न. एक समावेशी कक्षा में, एक शिक्षक को विशिष्ट शैक्षिक योजनाओं को

  • तैयार नहीं करना चाहिए
  • कभी-कभी तैयार करना चाहिए
  • सक्रिय रूप से तैयार करना चाहिए
  • तैयार करने के लिए हतोत्साहित होना चाहिए

उत्तर -3

प्रश्न. ‘पठनवैफल्य’ बच्चों के प्राथमिक लक्षण क्या हैं?

  • न्यून-अवधान विकार
  • अपसारी चिन्तन; पढ़ने में धारप्रवाहिता
  • धाराप्रवाह पढ़ने की अक्षमता
  • एक ही गतिविषयक कार्य को बार-बार दोहराना

उत्तर -3

प्रश्न. शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में उल्लेख की गई ‘समावेशी शिक्षा की अवधारणा निम्नलिखित में किस पर आधारित है?

  • व्यवहारवादी सिद्धान्त
  • अशक्त बच्चों के प्रति एक सहानुभूतिक अभिवृत्ति
  • अधिकार आधारित मानवतावादी परिप्रेक्ष्य
  • मुख्यतः व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध करा करके अशक्त बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करना

उत्तर -3

प्रश्न. संरचनावादी ढाँचे में, अधिगम प्राथमिक रूप से –

  • यन्त्रवत् याद करने पर आधारित है
  • प्रबलन पर केन्द्रित है
  • अनुबन्धन द्वारा अर्जित है
  • अवबोधन की प्रक्रिया पर केन्द्रित है

उत्तर -4

प्रश्न. अनेक घटनाओं के बारे में बच्चों के द्वारा बनाए गए.’सहजानुभूत सिद्धान्तों’ के सन्दर्भ में एक शिक्षिका को क्या करना चाहिए?

  • बच्चों के इन सिद्धान्तों को अनदेखा करना चाहिए
  • बच्चों को दण्डित करना चाहिए
  • बार-बार याद करने के द्वारा एक सही सिद्धान्त से ‘बदल’ देना चाहिए
  • प्रतिकूल प्रमाण एवं उदाहरणों को प्रस्तुत करके बच्चों के इन सिद्धान्तों को चुनौती देनी चाहिए

उत्तर -4

प्रश्न. बालकेन्द्रित शिक्षाशास्त्र की क्या विशेषता है?

  • केवल पाठ्यपुस्तकों पर निर्भर होना
  • बच्चों के अनुभवों को प्रमुखता देना
  • यन्त्रवत् याद करना
  • योग्यता के आधार पर विद्यार्थियों को नामांकित करना तथा वर्गीकरण करना

उत्तर -2

प्रश्न. संवेग एवं संज्ञान एक-दूसरे से हैं?

  • पूर्णतया अलग
  • स्वतन्त्र
  • सन्निहित
  • सम्बन्धित नहीं

उत्तर -3

प्रश्न. संरचनावादी सिद्धान्तों के अनुसार अधिगम के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है?

  • अधिगम पुनरुत्पादन एवं स्मरण की प्रक्रिया है।
  • अधिगम यन्त्रवत् याद करने की प्रक्रिया है
  • अधिगम आवृत्तीय सम्बन्ध के द्वारा व्यवहारों का अनुबन्धन है
  • अधिगम सक्रिय विनियोजन के द्वारा ज्ञान की संरचना की प्रक्रिया है।

उत्तर -4

प्रश्न. विद्यार्थियों को स्पष्ट उदाहरण एवं गैर-उदाहरण देने के क्या परिणाम हैं?

  • अवधारणात्मक परिवर्तनों को प्रोत्साहित करने के लिए यह एक प्रभावशाली तरीका है।
  • यह विद्यार्थियों के मस्तिष्क में भ्रान्तियाँ उत्पन्न करता है।
  • यह अवधारणाओं की समझ में अभाव पैदा करता है।
  • यह अवधारणात्मक समझ के बजाय कार्यविधिक/प्रक्रियात्मक ज्ञान पर ध्यान केन्द्रित करता है।

उत्तर -1

प्रश्न. बच्चों को अधिगम गतिविधियों में भागीदारी करने के लिए लगातार पुरस्कार देना व दण्ड का प्रयोग करने से क्या प्रभाव पड़ता है ?

  • बाह्य अभिप्रेरणा कम होती है ।
  • आन्तरिक अभिप्रेरणा बढ़ती है
  • यह बच्चों को प्रदर्शन आधारित लक्ष्यों के बजाय निपुणता पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करेगा
  • अधिगम में बच्चों की स्वाभाविक अभिरुचि तथा जिज्ञासा कम होती है।

उत्तर -4

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रथाएँ सार्थक अधिगम को बढ़ावा देती हैं?

i. शारीरिक दण्ड

ii. सहयोगात्मक अधिगम पर्यावरण

iii. सतत् एवं समग्र मूल्यांकन

iv. निरन्तर तुलनात्मक मूल्यांकन

कूट

  • i और ii
  • i, ii और iii
  • ii और iii
  • ii, iii और iv

उत्तर -2

प्रश्न. शिक्षक बच्चों की जटिल अवधारणाओं की समझ को किस प्रकार सहज कर सकते हैं ?

  • एक व्याख्यान देकर के
  • प्रतियोगितात्मक अवसरों की व्यवस्था करके
  • बार-बार यान्त्रिक अभ्यास के द्वारा
  • अन्वेषण एवं परिचर्चा के लिए अवसर उपलब्ध करके

उत्तर -4

प्रश्न. एक प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका बच्चों को एक प्रभावशाली समस्या समाधानकर्ता बनने के लिए किस प्रकार से प्रोत्साहित कर सकती है?

  • प्रत्येक छोटे कार्य के लिए भौतिक पुरस्कार देकर
  • केवल प्रक्रियात्मक ज्ञान पर बल / महत्त्व देकर
  • ‘गलत उत्तरों’ को अस्वीकार करके एवं दण्डित करके
  • बच्चों को सहजानुभूत अनुमान लगाने के लिए प्रोत्साहित करके तथा उसी पर आधारित विचार मंथन करके

उत्तर -4

प्रश्न. निम्नलिखित अवधि में से किसमें शारीरिक वृद्धि एवं विकास तीव्र गति से घटित होता है?

  • शैशवावस्था एवं प्रारम्भिक बाल्यावस्था
  • प्रारम्भिक बाल्यावस्था एवं मध्य बाल्यावस्था
  • मध्य बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था
  • किशोरावस्था एवं वयस्कता

उत्तर -1

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सिद्धान्त नहीं है?

  • विकास जीवनपर्यन्त होता है।
  • विकास परिवर्त्य होता है।
  • विकास आनुवंशिकता एवं पर्यावरण दोनों के द्वारा प्रभावित होता है।
  • विकास सार्वभौमिक है तथा सांस्कृतिक सन्दर्भ इसे प्रभावित नहीं करते

उत्तर -4

प्रश्न. वैयक्तिक विभिन्नताओं का प्राथमिक कारण क्या है?

  • लोगों के द्वारा माता-पिता से प्राप्त आनुवंशिक संकेत पद्धति (कोड)
  • जन्मजात विशेषताएँ
  • पर्यावरणीय प्रभाव
  • आनुवंशिकता एवं पर्यावरण के बीच जटिल पारस्परिक क्रिया

उत्तर -4

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा द्वितीयक समाजीकरण एजेन्सी का उदाहरण है?

  • परिवार एवं पास-पड़ोस
  • परिवार एवं मीडिया
  • विद्यालय एवं मीडिया
  • मीडिया एवं पास-पड़ोस

उतर -?

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