UPTET/CTET बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र प्रैक्टिस सेट 32 : परीक्षा में शामिल होने से पहले इन 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों का करें अध्ययन

UPTET/CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 32 : CTET की परीक्षा शुरू हो चुकी है और यह परीक्षा 13 जनवरी 2022 तक चलने वाली है। इस परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों नें बहुत ही मेहनत किया था और अभी जिनकी परीक्षा बाकी है वो इसकी तैयारी के लिए अपने पूरे जी जान से लगे हुए हैं। जिनकी परीक्षा हो चुकी है वो अब UPTET की परीक्षा तिथि के घोषणा होने का इंतजार कर रहे हैं और इसकी तैयारी में जुट गए हैं। UPTET की परीक्षा 28 नवंबर को आयोजित होनी थी लेकिन पेपर लीक हो जाने के वजह से पूरी परीक्षा प्रक्रिया को बीच मे ही रद्द करना पड़ा, अब इसकी परीक्षा जनवरी 2022 के तीसरे या आख़िरी सप्ताह में होने की संभावना है।

ऐसे में इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/CTET के परीक्षा में पूछे गए विगत वर्षों के बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र के 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूती प्रदान कर सकतें हैं।

UPTET/CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 32
UPTET/CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 32

UPTET/CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 32

प्रश्न : वाइगोत्स्की तथा पियाजे के परिप्रेक्ष्यों में एक प्रमुख विभिन्नता है –

  • व्यवहारवादी सिद्धान्तों की उनकी आलोचना।
  • बच्चों को एक पालन-पोषण का परिवेश उपलब्ध कराने की भूमिका।
  • भाषा एवं चिंतन के बारे में उनके दृष्टिकोण।
  • ज्ञान के सक्रिय निर्माताओं के रूप में बच्चों की संकल्पना

उत्तर : 3

प्रश्न : इस पर अत्यधिक वाद-विवाद होता है कि क्या लड़कों एवं लड़कियों में योग्यताओं का विशिष्ट समूह उनके आनुवंशिक घटकों के कारण होता है। इस संदर्भ में निम्नलिखित में से आप सबसे अधिक किससे सहमत हैं?

  • लड़कियों को सेवाभाव के लिए सामाजिक रूप से तैयार किया जाता है जबकि लड़कों को रोने जैसा संवेग प्रदर्शित करने के लिए हतोत्साहित किया जाता है
  • यौवनारम्भ के बाद लड़के और लड़किया एक साथ नही खेल सकते हैं क्योंकि उनकी अभिरुचियाँ पूर्णतया विपरीत होती हैं।
  • सभी लड़कियों में कला-विषयों के लिए अंतर्निहित प्रतिभा होती है जबकि लड़के आक्रामक खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए आनुवांशिक रूप से तैयार होते हैं।
  • लड़के सेवाभाव वाले नहीं हो सकते हैं क्योंकि वे जन्म से इस प्रकार के होते हैं।

उत्तर : 3

प्रश्न : एक अध्यापिका यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसके विद्यार्थी आंतरिक रूप से प्रेरित हों। इस संदर्भ में वह करेगी –

  • सभी बच्चों के लिए उपलब्धि के एकसमान मानकों को उल्लिखित करना
  • अन्तिम परिणाम पर ध्यान देने के बजाय व्यक्तिगत रूप से बच्चों की अधिगम की प्रक्रियाओं पर ध्यान देना
  • वस्तु रूप में पुरस्कार प्रस्तुत करना
  • इस प्रकार की अधिगम गतिविधियों की योजना बनाना जो अभिसारी चिंतन को प्रोत्साहन देती है

उत्तर : 2

प्रश्न : कक्षा परीक्षणों में अच्छा प्रदर्शन करने में एक बच्चे की असफलता हमें इस विश्वास की तरफ ले जाती है कि –

  • आकलन वस्तुनिष्ठ है तथा असफलताओं को स्पष्ट रूप पहचानने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है।
  • पाठ्यक्रम, शिक्षण पद्धति तथा आकलन प्रक्रियाओं पर विचार करने की आवश्यकता है।
  • कुछ बच्चों को अनुत्तीर्ण होना ही है, चाहे व्यवस्था उन पर कितना भी अधिक प्रयास करे।
  • बच्चे कुछ निश्चित सक्षमताओं और कमियों के साथ पैदा होते हैं।

उत्तर : 2

प्रश्न : आपकी कक्षा में कुछ बच्चे हैं जो गलतियाँ करते हैं। इस परिस्थिति का आपके विश्लेषण के अनुसार कौन-सा कथन सर्वाधिक उपयुक्त है?

  • बच्चों का बुद्धिस्तर निम्न है।
  • बच्चों की अध्ययन में रुचि नहीं है और वे अनुशासनहीनता उत्पन्न करना चाहते हैं।
  • बच्चों को आपकी कक्षा में प्रोन्नत नहीं करना चाहिए था।
  • बच्चों ने अभी तक संकल्पनात्मक स्पष्टता प्राप्त नहीं की है। तथा आपको अपनी शिक्षण-विधि पर चिन्तन करने की आवश्यकता है।

उत्तर : 4

प्रश्न : एक विद्यार्थी एक प्रकरण में मुख्य बिन्दुओं को रेखांकित करती है, उसका एक दृश्यात्मक प्रस्तुतीकरण बनाती है तथा प्रकरण की समाप्ति पर अपने दिमाग में उत्पन्न होने वाले प्रश्नों को प्रस्तुत करती है। वह

  • विचारों के संघटन के द्वारा अपने चिन्तन को निर्देशित करने की कोशिश कर रही है।
  • अनुरक्षण पूर्वाभ्यास की रणनीति का प्रयोग करने की कोशिश कर रही है।
  • प्रेक्षण अधिगम सुनिश्चित कर रही है।
  • केन्द्र-बिन्दु की विधि का प्रयोग करने की कोशिश कर रही है।

उत्तर : 1

प्रश्न : किस प्रकार से एक अध्यापिका बच्चों को बेहतर समस्या समाधानकर्त्ता बनने में सहायता कर सकती है?

  • बच्चों को विविध प्रकार की समस्याओं का समाधान करने के मौके देना तथा उनका हल करते समय सहयोग देना
  • बच्चों को पाठ्य पुस्तक में समस्याओं का उत्तर देखने के लिए प्रोत्साहित करना
  • विद्यार्थियों के सामने प्रस्तुत सभी समस्याओं के सही समाधान उपलब्ध कराना
  • समस्याओं का समाधान करने के लिए वस्तु रूप में पुरस्कार देना

उत्तर : 1

प्रश्न : निम्नलिखित कथनों में से आप किससे सहमत हैं?

  • अधिगम पूर्ण रूप से बाह्य उद्दीपन के द्वारा नियंत्रित होता है।
  • अधिगम तब तक घटित नहीं हो सकता है जब तक इसका अंकों के रूप में बाह्य रूप से आकलन नहीं कर लिया जाता है।
  • अधिगम केवल तभी होता है और यदि यह व्यवहार से सुस्पष्ट होता है।
  • अधिगम एक सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में घटित होता है।

उत्तर : 4

प्रश्न : इनमें से कौन-सा बाल विकास का एक सिद्धान्त है?

  • विकास परिपक्वन तथा अनुभव के बीच अन्योन्यक्रिया की
  • वजह से घटित होता है।
  • अनुभव विकास का एकमात्र निर्धारक है।
  • विकास प्रबलन तथा दण्ड के द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। विकास प्रत्येक बच्चे की गति का सही ढंग से अनुमान लगा सकता है।

उत्तर : 1

प्रश्न : ‘प्रकृति- पालन पोषण’ वाद-विवाद के संदर्भ में
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा आपको उपयुक्त प्रतीत होता है?

  • एक बच्चा एक खाली स्लेट के समान होता है जिसका चरित्र परिवेश के द्वारा किसी भी आकार में ढाला जा सकता है।
  • एक बच्चे के व्यवहार का निर्धारण करने में परिवेशीय प्रभावों का बहुत कम महत्व होता है, वह प्राथमिक रूप से आनुवंशिक रूप से निर्धारित होता है।
  • वंशानुक्रम तथा परिवेश अभिन्न रूप से एक-दूसरे से गुंथे हुए हैं और दोनों विकास को प्रभावित करते हैं।
  • बच्चे आनुवंशिक रूप से उस तरफ प्रवृत्त होते हैं जिस तरफ होना चाहिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वे किस प्रकार के परिवेश में पल-बढ़ रहे हैं।

उत्तर : 3

प्रश्न : समाजीकरण एक प्रक्रिया है –

  • मूल्यों, विश्वासों तथा अपेक्षाओं को अर्जित करने की।
  • घुलने-मिलने तथा समायोजन की।
  • एक समाज की संस्कृति की आलोचना करना सीखने की।
  • मित्रों के साथ सामाजिक बनने की।

उत्तर : 1

प्रश्न : पियाजे अनुमोदन करते हैं पूर्व-संक्रियात्मक बच्चे याद रखने में असमर्थ होते हैं। निम्नलिखित कारकों में से किसको उन्होंने इस असमर्थता के लिए जिम्मेदार ठहराया है?

  • परिकल्पित-निगमनात्मक तार्किकता की अयोग्यता
  • व्यक्तिगत कल्पित कथा
  • विचार की अनुत्क्रमणीयता (पलट न सके)
  • उच्च स्तर की अमूर्त तार्किकता की कमी

उत्तर : 3

प्रश्न : पियाजे के सिद्धान्त के अनुसार, बच्चे निम्न में से किसके द्वारा सीखते हैं?

  • सही प्रकार से ध्यान लगाकर जानकारी को याद करना
  • समाज के आर्थिक योग्य सदस्यों के द्वारा उपलब्ध कराए गए सहारे के आधार पर
  • अनुकूलन की प्रक्रियाएँ
  • उपयुक्त पुरस्कार दिए जाने पर अपने व्यवहार में परिवर्तित करना

उत्तर : 3

प्रश्न : वाइगोत्स्की के अनुसार, समीपस्थ विकास का क्षेत्र है –

  • अध्यापिका के द्वारा दिए गए सहयोग की सीमा निर्धारित करना।
  • बच्चे के द्वारा स्वतंत्र रूप से किए जा सकने वाले तथा सहायता के साथ करने वाले कार्य के बीच अंतर।
  • बच्चे को अपना सामर्थ्य प्राप्त करने के लिए उपलब्ध कराए गए सहयोग की मात्रा एवं प्रकृति ।
  • बच्ची अपने आप क्या कर सकती है जिसका आकलन नहीं किया जा सकता है।

उत्तर : 2

प्रश्न : एक बहु-सांस्कृतिक कक्षा-कक्ष में एक अध्यापिका सुनिश्चित करेगी कि आकलन में निम्नलिखित में से सम्मिलित हो

  • अपने आकलन उपकरण की विश्वसनीयता तथा वैधता
  • अधिगम के न्यूनतम स्तरों के लिए अनुपालन करते हुए विद्यालय प्रशासन की अपेक्षाओं को पूरा
  • आकलन उपकरण के मानकीकरण
  • अपने विद्यार्थियों को सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

उत्तर : 4

प्रश्न : एक उच्च प्राथमिक विद्यालय के संरचनात्मक कक्षा-कक्ष में अपने स्वयं के आकलन में विद्यार्थियों की भूमिका में निम्नलिखित में से क्या देखा जाएगा?

  • एक विस्तृत दिशा-निर्देश बनाना कि किस प्रकार से विद्यार्थियों की उपलब्धि तथा कक्षा में प्रतिष्ठा को अंकों के साथ सह-सम्बद्ध किया जाएगा
  • विद्यार्थी अपने आकलन के एकमात्र निर्धारक होंगे
  • विद्यार्थी अध्यापक के साथ आकलन के लिए योजना बनाएँगे
  • शिक्षण-अधिगम में आकलन की भूमिका को नकारना

उत्तर : 3

प्रश्न : समावेशी शिक्षा के पीछे मूलाधार यह है कि –

  • समाज में विभिन्नता है और विद्यालयों को इस विभिन्नता के प्रति संवेदनशील होने के लिए समावेशी होने की आवश्यकता है।
  • हमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के ऊपर दया करने की आवश्यकता है और सुविधाओं तक उनकी पहुँच होनी चाहिए।
  • विशेष आवश्यकता वाले बच्चों लिए अलग विद्यार्थियों की व्यवस्था करना लागत प्रभावी नहीं है।
  • प्रत्येक बच्चे के निष्पादन के लिए मानक एकसमान तथा मानकीकृत होने चाहिए।

उत्तर : 1

प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा तरीका अध्यापिका के द्वारा एक सृजनात्मक बच्चे की पहचान करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होगा?

  • यह अवलोकन करना कि बच्ची समूह कार्यों में साथियों के साथ किस प्रकार से प्रतिक्रिया करती है।
  • मानकीकृत बुद्धि परीक्षणों को देना
  • वस्तुनिष्ठ प्रकार के परीक्षणों को देना
  • बच्चे को विस्तृत रूप से अवलोकन करना, विशेष रूप से उस समय जब वह समस्याओं को हल करती है

उत्तर : 4

प्रश्न : एक अध्यापिका समाज के ‘वंचित वर्गों’ से आए बच्चों की आवश्यकताओं के प्रति प्रभावशाली तरीके से प्रतिक्रिया निम्नलिखित द्वारा कर सकती है –

  • अन्य बच्चों’ को ‘वंचित वर्ग से आए बच्चों के साथ सहयोग करने के लिए कहना तथा विद्यालय के तरीकों को सीखने में उनकी सहायता करने के लिए कहना
  • विद्यालयी व्यवस्था तथा स्वयं के उन तौर-तरीकों के बारे में विचार करना जिनसे पक्षपात एवं रूढ़िबद्धताएँ झलकती हैं
  • उनके प्रताड़ित होने के अवसरों को कम करने के लिए यह सुनिश्चित करना कि बच्चे आपस में अन्योन्यक्रिया करने का मौका न पाएँ
  • वंचित वर्ग से आए बच्चों को विद्यालय के नियमों एवं अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता बनाना ताकि वे उनका अनुपालन करें

उत्तर : 2

प्रश्न : अनुसंधान से पता चला है कि विद्यालयों में अनेक स्तरों पर विभेदीकरण पाया जाता है। उच्च प्राथमिक स्तर पर इनमें से कौन-सा विभेदीकरण का एक उदाहरण नहीं है?

  • बहुत से अध्यापक पढ़ाने के लिए केवल व्याख्यान विधि का प्रयोग करते हैं।
  • मध्यान्ह भोजन के दौरान दलित बच्चों को अलग बैठाया जाता है।
  • लड़कियों को गणित तथा विज्ञान विषयों को लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है।
  • अध्यापकों की निम्न सामाजिक-आर्थिक परिवेश से आए बच्चों से बहुत कम अपेक्षाएँ होती हैं।

उत्तर : 1

प्रश्न : इनमें से कौन-सी अधिगम-अशक्तता वाले बच्चे की एक विशेषता है?

  • 50 से नीचे की बुद्धि लब्धि
  • अन्य बच्चों को धमकाना तथा आक्रामक कार्यों में लगे रहना
  • एक ही प्रकार की गत्यात्मक क्रिया को बार-बार दोहराना
  • धारा प्रवाह रूप से पढ़ने तथा शब्दों पर पलट कर जाने में कठिनाई

उत्तर : 4

प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सबसे बेहतर ढंग से वर्णन करता है कि कक्षा में बच्चों को प्रश्न पूछने के लिए क्यों प्रोत्साहित करना चाहिए?

  • प्रश्न बच्चों की जिज्ञासा को बढ़ाते हैं।
  • प्रश्न अन्योन्यक्रिया के द्वारा अधिगम को आगे बढ़ाते हैं तथा संकल्पनात्मक स्पष्टता की दिशा में बढ़ते हैं।
  • बच्चों को अपने भाषा कौशलों के अभ्यास की आवश्यकता होती है।
  • जिन चीजों के बारे में बच्चे नहीं जानते हैं उनके बारे में विचार करवाकर उन्हें यह महसूस करवाया जा सकता है कि उनमें बुद्धि की कमी है।

उत्तर : 2

प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सी आकलन पद्धति विद्यार्थियों की सर्वोत्तम क्षमता को पोषित करेगी?

  • जब विद्यार्थियों को बहु-विकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से किए गए परीक्षण के रूप में तथ्यों को दोहराने की आवश्यकता होती है
  • जब संकल्पनात्मक परिवर्तन तथा विद्यार्थियों के वैकल्पिक समाधानों को आकलन की विभिन्न विधियों के द्वारा आकलित किया जाता है
  • जब कक्षा में विद्यार्थी के द्वारा प्राप्त किए गए अंक और स्थान सफलता का एकमात्र निर्धारक होते हैं
  • जब परीक्षा के अंकों और विद्यार्थी की योग्यता के बीच सकारात्मक सहसम्बन्ध पर बल दिया जाता है

उत्तर : 2

प्रश्न : एक बच्चे को सहारा देने की मात्रा एवं प्रकार में परिवर्तन इस बात पर निर्भर करता है

  • अध्यापिका की मनोदशा
  • कार्य के लिए प्रस्तावित पुरस्कार
  • बच्चे के निष्पादन का स्तर
  • बच्चे की नैसर्गिक योग्यताएँ

उत्तर : 3

प्रश्न : उच्च प्राथमिक विद्यालय की गणित-अध्यापिका के रूप में आप विश्वास करती हैं कि

  • विद्यार्थियों की गलतियाँ उनके चिंतन में अन्तर्दृष्टियाँ उपलब्ध कराती हैं।
  • उच्च प्राथमिक विद्यालय के सभी बच्चों में गणित पढ़ने की योग्यता नहीं होती है।
  • लड़के गणित को बिना अधिक प्रयास किए सीख जाएँगे क्योंकि यह उनकी ‘जन्मजात’ विशेषता है तथा आपको लड़कियों के ऊपर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • विद्यार्थियों को कार्यविधिक ज्ञान को जानने की आवश्यकता होती है, चाहे वे संकल्पनात्मक आधार नहीं समझते हों।

उत्तर : 1

प्रश्न : इन कथनों में से आप किससे सहमत हैं?

  • एक बच्चा अनुत्तीर्ण होता है क्योंकि सरकार विद्यालयों में
  • पर्याप्त प्रौद्योगिकीय संसाधन प्रदान नहीं कर रही है।
  • एक बच्चे की असफलता के लिए वंशानुक्रम घटकों को प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसे उसने अपने माता-पिता से अर्जित किया है।
  • एक बच्चे की असफलता व्यवस्था तथा बच्चे के प्रति प्रतिक्रिया करने में इसकी असमर्थता का एक प्रतिबिम्ब इनमें से कोई नहीं

उत्तर : 3

प्रश्न : एक समावेशी कक्षा में किसी शिक्षिका की सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका है

  • यह सुनिश्चित करना कि शिक्षिका कक्षा को मानक निर्देश दे रही है।
  • बच्चे के माता-पिता के व्यवसाय को जानना ताकि शिक्षिका प्रत्येक बच्चे के भावी व्यवसाय को जान सके।
  • सुनिश्चित करना कि प्रत्येक बच्चे को अपनी संभावना को प्राप्त करने का अवसर मिले।
  • कक्षा के लिए ऐसी योजना बनाना कि प्रत्येक बच्चा समान गति से आगे बढ़े।

उत्तर : 3

प्रश्न : अपनी कक्षा के बच्चों को उनकी अपनी अवधारणाओं को बदलने में आप किस प्रकार सहायता करेंगे?

  • बच्चों को सूचनाएँ लिखाकर उन्हें याद करने को कहकर।
  • यदि बच्चों की अवधारणाएँ गलत हों तो उन्हें दंड देकर।
  • तथ्यात्मक जानकारी देकर
  • अवधारणाओं के बारे में बच्चों को अपनी समझ को व्यक्त करने का अवसर देकर।

उत्तर : 4

प्रश्न : जब बच्चे एक विशेष संख्या में पुस्तकें पढ़ते है तो उन्हें एक प्रमाणपत्र दिया जाता है। यह रणनीति शायद अधिक समय तक काम न करे, क्योंकिः

  • यह संभवतः बच्चों को केवल प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए पुस्तकों को पढ़ने की तरफ ले जा सकता है।
  • पुस्तकालय में बहुत अधिक पुस्तकों को खरीदने की आवश्यकता होगी।
  • जब अधिक संख्या में बच्चे पढ़ना शुरू कर देंगे तो बड़ी मात्रा में प्रमाणपत्र देने होंगे।
  • पुस्तकों को पढ़ना बच्चों को उनके गृहकार्य को पूरा करने में बाधा डालेगा।

उत्तर : 1

प्रश्न : किसी कक्षा में शिक्षक की भूमिका है:

  • समय-सारणी का कठोरता से पालन करना और पाठ्यक्रम से बँधे रहना।
  • सीखने की विश्वसनीय स्थितियाँ जुटाना और शिक्षार्थियों को स्वतंत्र चिंतन की सुविधा देना।
  • अपने ज्ञान से शिक्षार्थियों को परिपूर्ण करना और उन्हें परीक्षा के लिए तैयार करना।
  • सीधे तरीके से ज्ञान पहुँचाना और शिक्षार्थियों को सही उत्तरों के लिए तैयार करना।

उत्तर : ??