UPTET/CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 31 : CTET की परीक्षा शुरू हो चुकी है और यह परीक्षा 13 जनवरी 2022 तक चलने वाली है। इस परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों नें बहुत ही मेहनत किया था और अभी जिनकी परीक्षा बाकी है वो इसकी तैयारी के लिए अपने पूरे जी जान से लगे हुए हैं। जिनकी परीक्षा हो चुकी है वो अब UPTET की परीक्षा तिथि के घोषणा होने का इंतजार कर रहे हैं और इसकी तैयारी में जुट गए हैं। UPTET की परीक्षा 28 नवंबर को आयोजित होनी थी लेकिन पेपर लीक हो जाने के वजह से पूरी परीक्षा प्रक्रिया को बीच मे ही रद्द करना पड़ा, अब इसकी परीक्षा जनवरी 2022 के तीसरे या आख़िरी सप्ताह में होने की संभावना है।
ऐसे में इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/CTET के परीक्षा में पूछे गए विगत वर्षों के बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र के 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूती प्रदान कर सकतें हैं।
UPTET/CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 31
प्रश्न : ‘बहुबुद्धि के सिद्धान्त’ के संदर्भ में एयरफोर्स पायलट बनने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी बुद्धि की आवश्यकता है?
- अंतःवैयक्तिक
- भाषिक
- गतिक
- अंतरा-वैयक्तिक
उत्तर : 3
प्रश्न : बुद्धि की स्पीयरमैन परिभाषा में कारक ‘g’ है –
- आनुवंशिक बुद्धि
- उत्पादक बुद्धि
- वैश्विक बुद्धि
- सामान्य बुद्धि
उत्तर : 4
प्रश्न : छिपी हुई वस्तुएँ ढूढ़ निकालना इस बात का संकेत है कि शिशु निम्नलिखित में से किस संज्ञानात्मक कार्य में दक्षता प्राप्त करने लगा है?
- साभिप्राय व्यवहार
- समस्या समाधान
- वस्तु-स्थायित्व
- प्रयोग करना
उत्तर : 3
प्रश्न : यह तथ्य कि बच्चों को सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक ज्ञान की आवश्यकता होती है, निम्नलिखित में से किस व्यक्ति से सम्बन्धित है?
- बी. एफ. स्किनर
- चार्ल्स डार्विन
- यूरी ब्रोनफैननर
- लैव वाइगोत्स्की
उत्तर : 4
प्रश्न : आप एक शिक्षिका/शिक्षक के रूप में रैगिंग और धमकाने’ के सख्त विरोधी हैं तथा इस संदर्भ में विद्यालय में पोस्टर लगवाते हैं तथा समिति बनवाते हैं। आपसे जुड़ने वाले किशोर जो इस विचार के दृढ़ विश्वासी हैं, निम्नलिखित में से किस स्तर पर होंगे?
- पारंपरिक स्तर
- पूर्व-पारंपरिक स्तर
- उत्तर-पारंपरिक स्तर
- सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने वाला स्तर
उत्तर : 3
प्रश्न : प्रगतिशील शिक्षा निम्नलिखित में से किस कथन से सम्बन्धित है?
- शिक्षक सूचना और प्राधिकार के प्रवर्तक होते हैं।
- ज्ञान प्रत्यक्ष अनुभव और सहयोग से उत्पन्न होता है।
- अधिगम तथ्यों के एकत्रीकरण और कौशल में प्रवीणता के साथ सीधे मार्ग पर चलता है।
- परीक्षा मानदंड-संदर्भित और बाह्य है।
उत्तर : 2
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा समाज में लिंग समानता का मानदंड हो सकता है?
- विद्यालय में पुरुष और महिला शिक्षकों की संख्या की तुलना
- कक्षा 12 में लड़कों और लड़कियों द्वारा समान संख्या में प्राप्त विशिष्ट योग्यता
- कक्षा 12 तक पहुँचने वाले लड़कों तथा लड़कियों की संख्या की तुलना
- क्या छात्राओं को विद्यालय से बाहर आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति दी जाती है
उत्तर : 4
प्रश्न : वैयक्तिक अंतरों का ज्ञान शिक्षकों की मदद किसमें करता है?
- पिछड़े शिक्षार्थियों के साथ कठोर परिश्रम करने की निरर्थकता को समझने में, क्योंकि वे बाकी कक्षा के समान कभी नहीं हो सकते
- वैयक्तिक अंतरों को शिक्षार्थियों की असफलता की स्वीकृति एवं उत्तरदायी ठहराने में
- सभी शिक्षार्थियों को समान रूप से लाभ पहुंचाने के लिए अपनी प्रस्तुति शैली को एकरूप बनाने में
- सभी शिक्षार्थियों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं का आकलन करने और उसके अनुरूप उन्हें पढ़ाने में
उत्तर : 4
प्रश्न : सीखने के लिए आकलन
- अभिप्रेरणा को बढ़ावा देता है
- अलग करने और रैंक देने के प्रयोजन के लिए किया जाता है
- ग्रेड्स को पूरी तरह से महत्व देने पर बल देता है
- विशिष्ट होता है और अपने आप में की गई आकलन गतिविधि है
उत्तर : 1
प्रश्न : एकाग्रता- समय के साथ मेल बैठाने के लिए एक दत्त कार्य को पूरा करने के लिए आवंटित समय को घटाना और चरणबद्ध तरीके से इस एकाग्रता-समय को बढ़ाना निम्नलिखित में से किस प्रकार के विकार से निबटने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?
- अशांतकारी व्यवहार सम्बन्धी विकार
- डिस्फेसिया
- संवेदी एकीकरण विकार
- एकाग्रता-हास अतिक्रियाशील विकार
उत्तर : 4
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा उपागम अशांतकारी व्यवहार सम्बन्धी विकार वाले बच्चों के साथ व्यवहार करने के लिए बच्चे को उसके आस-पास के लोगों और सामाजिक संस्थाओं के साथ अंतःक्रिया करने का सुझाव देता है?
- मनोगत्यात्मक
- जीव वैज्ञानिक
- पर्यावरणीय
- व्यवहारवादी
उत्तर : 3
प्रश्न : रेनजुली प्रतिभाशाली की अपनी …….. परिभाषा के लिए जाने जाते हैं।
- चार-पंक्तिय (टीयर)
- त्रि-वृत्तीय
- चार-स्तरीय
- त्रि-मुखी
उत्तर : 2
प्रश्न : प्रतिभाशाली शिक्षार्थियों के लिए
- अभिक्षमता को कौशल के रूप में समझना सही है
- प्रगति के निरीक्षण करने की आवश्यकता नहीं है
- शिक्षक को अनुकूलन करना चाहिए, जिससे शिक्षार्थी में बदलाव आता है
- शिक्षक को पहल करनी चाहिए और समस्या समाधान में मुख्य भूमिका निभानी चाहिए
उत्तर : 3
प्रश्न : विद्यालय आधारित आकलन –
- परिणामों की अपेक्षा परीक्षा तकनीकों पर केंद्रित है
- क्या आकलित किया जाएगा इस पर शिक्षार्थियों को कम नियंत्रण प्रदान करता है
- रचनात्मक प्रतिपुष्टि उपलब्ध कराते हुए सीखने में संवर्धन करता है
- परीक्षा के लिए शिक्षण को बढ़ावा देता है, क्योंकि उसमें निरंतर परीक्षण होता है
उत्तर : 3
प्रश्न : कक्षा में शिक्षार्थियों से कहा गया कि वे अपने समाज के लिए क्या कर सकते हैं – इसे दर्शाने के लिए एक नोटबुक में अपने कार्य की विविध शिल्पकृतियों को संयोजित करें। यह किस प्रकार की गतिविधि है?
- निबंधात्मक आकलन
- टनावृत अभिलेख
- पोर्टफोलियो आकलन
- समस्या समाधान आकलन
उत्तर : 3
प्रश्न : शिक्षार्थियों को सबसे कम प्रतिबंधित विद्यालय वातावरण में रखने के माध्यम से, विद्यालय
- लड़कियों और अलाभान्वित वर्गों के लिए शैक्षिक अवसरों को समान करता है।
- वंचित वर्ग के बच्चों के जीवन को सामान्य करता है जो इन बच्चों के समुदायों और अभिभावकों के साथ विद्यालय के सम्बन्ध को बढ़ा रहा है
- विज्ञान मेला और प्रश्नोत्तरी जैसी गतिविधियों में अलाभान्वित वर्ग के बच्चों को भागीदार बनाता है
- दूसरे बच्चों को संवेदनशीत बनाता है कि वे अलाभान्वित बच्चों को दबाएँ नहीं उन्हें नीचा न दिखाएँ
उत्तर : 4
प्रश्न : अधिगम-निर्योग्यता वाले बच्चों की प्रगति का निरीक्षण करने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी पद्धति सबसे उपयुक्त है?
- व्यक्ति (केस) अध्ययन
- घटनावृत्त अभिलेख (वास्तविक रिकार्ड)
- व्यवहार-रेटिंग स्केल
- संरचित व्यवहारपरक अवलोकन
उत्तर : 4
प्रश्न : अधिगम-निर्योग्यता वाले शिक्षार्थियों द्वारा एक पूर्ण और उत्पादक जीवन जीने के अवसरों को बढ़ाने का सबसे सही तरीका है
- इस तरह के शिक्षार्थियों की कमजोरियों पर ध्यान केंद्रित करना
- इस तरह के शिक्षार्थियों से उच्च उपेक्षाओं को बनाए रखना
- विविध कौशलों और युक्तियों का शिक्षण करना जिसे सभी संदर्भों में लागू किया जा सकता है
- इन बच्चों को अपने लक्ष्यों का निर्धारण करने के लिए प्रोत्साहित करना
उत्तर : 3
प्रश्न : वाइगोत्सकी के सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धान्त के अनुसार –
- संस्कृति और भाषा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
- बच्चे अलग क्षेत्र में चिंतन करते हैं और वे पूर्ण परिप्रेक्ष्य नहीं लेते
- यदि निम्न आयु पर अमूर्त सामग्री को प्रस्तुत किया जाए तो बच्चे अमूर्त तरीके से चिंतन करते हैं
- स्व-निर्देशित वाक् सहयोग का निम्नतम स्तर है
उत्तर : 1
प्रश्न : संवेग के मनोविज्ञान में निम्नलिखित में से किस तथ्य पर सबसे कम ध्यान दिया गया है?
- संवेग विषयनिष्ठ (व्यक्तिपरक) भावना है और वह अलग अलग व्यक्तियों में अलग-अलग होती है।
- संवेग न केवल वैयक्तिक शिक्षार्थियों में, बल्कि पूरी कक्षा में भी उत्पन्न होते हैं
- संवेग उत्तेजना और संज्ञानात्मक व्याख्या के जटिल पैटर्न होते हैं
- संवेगात्मक प्रक्रिया में शारीरिक के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाएँ शामिल होती हैं
उत्तर : 2
प्रश्न :राजेश गणित की समस्या को हल करने के लिए पूरी तरह से संघर्ष कर रहा है। उसका आंतरिक बल जो उसे उस समस्या को पूरी तरह से हल करने के लिए विवश करता है ……. के रूप में जाना जाता है।
- प्रेरक
- संवेग
- व्यक्तित्व विशेषक
- प्रत्यक्षण
उत्तर : 1
प्रश्न : अभिप्रेरणा चक्र के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही क्रम में है?
- उत्तेजना, प्रबल प्रेरणा, आवश्यकता, उपलब्धि, लक्ष्य – उन्मुखी व्यवहार, उत्तेजना में कमी
- प्रबल प्रेरणा, आवश्यकता, उत्तेजना, लक्ष्य उन्मुखी व्यवहार, उपलब्धि, उत्तेजना में कमी
- आवश्यकता, लक्ष्य – उन्मुखी व्यवहार, प्रबल-प्रेरणा, उत्तेजना उपलब्धि, उत्तेजना में कमी
- आवश्यकता, प्रबल प्रेरणा, उत्तेजना, लक्ष्य – उन्मुखी व्यवहार, उपलब्धि, उत्तेजना में कमी
उत्तर : 4
प्रश्न : व्याख्या, अनुमान, और/अथवा नियंत्रण प्राक्कल्पना……के लक्ष्य हैं।
- पारंपरिक तर्कणा
- आगमनात्मक तर्कणा
- निगमनात्मक तर्कणा
- वैज्ञानिक पद्धति
उत्तर : 4
प्रश्न : कक्षा VII का शिक्षार्थी गणित में त्रुटियाँ करता है। एक शिक्षक के रूप में आप –
- शिक्षार्थी को सही उत्तर उपलब्ध कराएँगे
- शिक्षार्थी को कैल्कुलेटर का प्रयोग करने की अनुमति देंगे
- शिक्षार्थी से कहेंगे कि वह विकल्पात्मक पद्धति का प्रयोग करें अथवा स्वयं त्रुटि का पता लगाने के लिए उसे दुबारा करें
- शिक्षार्थी को दिखाएँ कि त्रुटि कहाँ थी और शिक्षार्थी को उसे दुबारा करने के लिए कहेंगे
उत्तर : 3
प्रश्न : संवेगात्मक बुद्धि, बहुबुद्धि सिद्धान्त के किस क्षेत्र के साथ सम्बन्धित हो सकती है?
- अंतरा-वैयक्तिक और अंतः वैयक्तिक बुद्धि
- प्राकृतिक बुद्धि
- चाक्षुष-स्थानिक बुद्धि
- अस्तित्वपरक बुद्धि
उत्तर : 1
प्रश्न : बैन्ड्यूरा के सामाजिक अवलोकन पर आधारित अधिगम सिद्धान्त में निम्नलिखित में से कौन-सी प्रक्रिया होती है?
- स्वचिंतन
- पुनरावृत्ति
- प्रतिधारण
- सार को दोहराना
उत्तर : 3
प्रश्न : निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा वाइगोत्स्की के द्वारा प्रस्तावित विकास तथा अधिगम के बीच सम्बन्ध का सर्वश्रेष्ठ रूप में सार प्रस्तुत करता है?
- विकास अधिगम से स्वाधीन है।
- विकास प्रक्रिया अधिगम प्रक्रिया से पीछे रह जाती है।
- विकास अधिगम का समानार्थक है।
- अधिगम एवं विकास समानान्तर प्रक्रियाएँ हैं।
उत्तर : 2
प्रश्न : एक शिक्षार्थी-केंद्रित कक्षा-कक्ष में अध्यापिका करेगी
- अधिगम को सुगम बनाने के लिए बच्चों को एक दूसरे के साथ अंकों के लिए मुकाबला करने हेतु प्रोत्साहित करना।
- वह अपने विद्यार्थियों से जिस प्रकार की अपेक्षा करती है। उसे प्रदर्शित करना और तब बच्चों को वैसा करने के लिए दिशा-निर्देश देना।
- इस प्रकार की पद्धतियों को नियोजित करना जिसमें शिक्षार्थी अपने स्वयं के अधिगम के लिए पहल करने में प्रोत्साहित हों।
- मुख्य तथ्यों की व्याख्या करने के लिए व्याख्यान पद्धति का प्रयोग करना और बाद में शिक्षार्थियों का उनकी सहजगता के लिए आकलन करना
उत्तर : 3
प्रश्न : कोहलवर्ग के सिद्धान्त की एक प्रमुख आलोचना क्या है?
- कोहलवर्ग ने बिना किसी अनुभूतिमूलक आधार के सिद्धान्त प्रस्तुत किया।
- कोहलवर्ग ने प्रस्ताव किया कि नैतिक तार्किकता विकासात्मक है।
- कोहलबर्ग ने पुरुषों एवं महिलाओं की नैतिक तार्किकता में सांस्कृतिक विभिन्नताओं को महत्व नहीं दिया।
- कोहलबर्ग ने नैतिक विकास की स्पष्ट अवस्थाओं का उल्लेख नहीं किया।
उत्तर : 3
प्रश्न : गार्डनर के बहु-बुद्धि के सिद्धान्त के अनुसार, वह कारक जो व्यक्ति के ‘आत्म-बोध’ हेतु सर्वाधिक योगदान देगा, वह हो सकता है –
- संगीतमय
- आध्यात्मिक
- भाषा-विषयक
- अन्तःवैयक्तिक
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