UPTET/CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 26 : जैसा कि आपको पता है CTET की परीक्षाएं 16 दिसम्बर 13 जनवरी तक चलने वाली हैं जिसके लिए अभ्यार्थी कई महीनों से अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं, तथा UPTET की परीक्षा भी इसके बाद होने की संभावना है। फ़िलहाल तैयारी का अंतिम समय चल रहा है, ऐसे में अभ्यार्थियों को नीचे दिए गए UPTET / CTET Child Development And pedagogy Practice Set 26 को जरूर हल करना चाहिए, जिससे वे अपनी तैयारी को और भी मजबूत कर सकते हैं।
ऐसे मे इस लेख के जरिये हम आपको UPTET/ CTET के परीक्षा मे पुछे गए विगत वर्षो के 30 महत्वपूर्ण बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र के प्रश्नो और उनके उत्तरो से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन आप अवश्य करें।
UPTET/CTET Child Development And Pedagogy Practice Set 26
प्रश्न : बहुविध बुद्धि सिद्धान्त के अनुसार सभी प्रकार के पशुओं, खनिजों और पेड़-पौधों को पहचानने और वर्गीकृत करने की योग्यता …… कहलाती है।
- तार्किक-गणितीय बुद्धि
- प्राकृतिक बुद्धि
- भाषिक बुद्धि
- स्थानिक बुद्धि
उत्तर : 2
प्रश्न : “अधिकांश व्यक्तियों की बुद्धि औसत होती है, बहुत कम लोग प्रतिभा सम्पन्न होते हैं और बहुत कम व्यक्ति मंद बुद्धि के होते हैं।” यह कथन ……. के प्रतिस्थापित सिद्धान्त पर आधारित है।
- बुद्धि और जातीय विभिन्नताओं
- बुद्धि के वितरण
- बुद्धि की वृद्धि
- बुद्धि और लौंगिक विभिन्नताओं
उत्तर : 2
प्रश्न : सहयोगी अधिगम में अधिक उम्र के प्रवीण विद्यार्थी, छोटे और कम निपुण विद्यार्थियों की मदद करते हैं। इससे –
- गहन प्रतियोगिता होती है
- उच्च नैतिक विकास होता है
- समूहों में द्वन्द्व होता है
- उच्च उपलब्धि और आत्म-सम्मान विकसित होता है।
उत्तर : 4
प्रश्न : जब पूर्व का अधिगम नई स्थितियों के सीखने को बिल्कुल प्रभावित नहीं करता, तो यह ……. कहलाता है।
- अधिगम का शून्य स्थानांतरण
- अधिगम का निरपेक्ष स्थानांतरण
- अधिगम का सकारात्मक स्थानांतरण
- अधिगम का नकारात्मक स्थानांतरण
उत्तर : 1
प्रश्न : चिंतन अनिवार्य रूप से है एक
- संज्ञानात्मक गतिविधि
- मनोगतिक प्रक्रिया
- मनोवैज्ञानिक परिघटना
- भावात्मक व्यवहार
उत्तर : 1
प्रश्न : एक बाल-केंद्रित कक्षा में बच्चे सामान्यतः सीखते हैं
- वैयक्तिक और सामूहिक दोनों रूपों में
- मुख्य रूप से शिक्षक से
- वैयक्तिक रूप से
- समूहों में
उत्तर : 3
प्रश्न : पियाजे के अधिगम के संज्ञानात्मक सिद्धान्त के अनुसार, वह प्रक्रिया जिसके द्वारा संज्ञानात्मक संरचना को संशोधित किया जाता है, …… कहलाती है।
- समावेशन
- समायोजन
- प्रत्यक्षण
- स्कीमा
उत्तर : 4
प्रश्न : एक शिक्षिका अपने शिक्षार्थियों की सदैव इस रूप में सहायता करती है कि वे एक विषय क्षेत्र से प्राप्त ज्ञान को दूसरे विषय क्षेत्रों के ज्ञान के साथ जोड़ सकें। इससे को ….. बढ़ावा मिलता है।
- पुनर्बलन
- ज्ञान के सह-सम्बन्ध एवं अंतरण
- वैयक्तिक भिन्नताओं
- शिक्षार्थी-स्वायत्तता
उत्तर : 2
प्रश्न : सृजनात्मकता मुख्य रूप से ……. सम्बन्धित है।
- मॉडलिंग
- अनुकरण
- अभिसारी चिंतन
- अपसारी (बहुविध) चिंतन
उत्तर : 4
प्रश्न : एक विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए कठिन परिश्रम करता है ताकि वह प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हो सके। यह विद्यार्थी ……. रूप से अभिप्रेरित है।
- बाह्य
- वैयक्तिक
- आंतरिक
- आनुभविक
उत्तर : 3
प्रश्न : व्यवहार का ‘करना’ पक्ष…… में आता है।
- सीखने के गतिक (कोनेटिव) क्षेत्र
- सीखने के मनोवैज्ञानिक क्षेत्र
- सीखने के संज्ञानात्मक क्षेत्र
- सीखने के भावात्मक क्षेत्र
उत्तर : 1
प्रश्न : विज्ञान एवं कला प्रदर्शनियाँ, संगीत एवं नृत्य प्रस्तुतियाँ तथा विद्यालय-पत्रिका निकालना….. के लिए हैं।
- शिक्षार्थियों को सृजनात्मक मार्ग उपलब्ध कराने
- विभिन्न व्यवसायों के लिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने
- विद्यालय का नाम रोशन करने
- अभिभावकों को संतुष्ट करने
उत्तर : 1
प्रश्न : एक शिक्षिका अपने शिक्षार्थियों के अनेक तरह की सामूहिक गतिविधियों में व्यस्त रखती है, जैसे- समूह चर्चा, समूह-परियोजनाएँ, भूमिका निर्वाह आदि। यह सीखने के किस आयाम को उजागर करता है?
- सामाजिक गतिविधि के रूप में अधिगम
- मनोरंजन द्वारा अधिगम
- भाषा-निर्देशित अधिगम
- प्रतियोगिता आधारित अधिगम
उत्तर : 1
प्रश्न : जब एक शिक्षिका दृष्टिबाधित शिक्षार्थी को कक्षा के शिक्षार्थियों के साथ सामूहिक गतिविधियों में शामिल करती है, तो वह अन्य
- कक्षा लिए सीखने हेतु बाधाएँ उत्पन्न कर रही है।
- समावेशी शिक्षा की भावना के अनुसार कार्य कर रही है
- सभी शिक्षार्थियों में दृष्टिबाधित शिक्षार्थी के प्रति सहानुभूति विकसित करने में मदद कर रही है।
- दृष्टिबाधित शिक्षार्थी पर सम्भवतः तनाव बढ़ा रही है
उत्तर : 2
प्रश्न : एक शिक्षिका अपने शिक्षण में दृश्य-श्रव्य सामग्रियों और शारीरिक गतिविधियों का प्रयोग करती है क्योंकि
- वे शिक्षक को आराम देते हैं
- वे प्रभावी आकलन को सुगम बनाते हैं
- वे शिक्षार्थियों को वैविध्य उपलब्ध कराते हैं
- इनमें अधिकतम इंद्रियों का उपयोग सीखने को संवर्द्धित करता है
उत्तर : 4
प्रश्न : कोहलबर्ग के अनुसार, सही और गलत के प्रश्न के बारे में निर्णय लेने में शामिल चिंतन-प्रक्रिया को कहा जाता है.
- सहयोग की नैतिकता
- नैतिक तर्कणा
- नैतिक यथार्थवाद
- नैतिक दुविधा
उत्तर : 3
प्रश्न : एक विद्यार्थी अपने समकक्ष व्यक्तियों के समूह के प्रति आक्रामक व्यवहार करता है और विद्यालय के मानदंडो को नहीं मानता। इस विद्यार्थी को …… में सहायता की आवश्यकता है।
- भावात्मक क्षेत्र
- संज्ञानात्मक क्षेत्र
- उच्चस्तरीय चिंतन कौशल
- मनोगत्यात्मक क्षेत्र
उत्तर : 1
प्रश्न : शिक्षकों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने शिक्षार्थियों को सामूहिक गतिविधियों में शामिल करें क्योंकि सीखने को सुगम बनाने के अतिरिक्त, ये ………… में भी सहायता करती हैं।
- दुश्चिंता
- मूल्य द्वन्द्व
- समाजीकरण
- आक्रामकता
उत्तर : 3
प्रश्न : समावेशी शिक्षा उस विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था की ओर संकेत करती है जो
- विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को विशिष्ट विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा देने को प्रोत्साहित करती है।
- केवल बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देती है
- जो सभी निर्योग्य बच्चों को शामिल करती है
- जो उनकी शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक, भाषिक या अन्य विभिन्न योग्यता स्थितियों को ध्यान में रखे बगैर बच्चों को शामिल करती है।
उत्तर : 4
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा मुख्य रूप से आनुवंशिकता सम्बन्धी कारक है?
- आँखों का रंग
- सामाजिक गतिविधियों में भागीदारिता
- समकक्ष व्यक्तियों के समूह के प्रति अभिवृत्ति
- चिंतन पैटर्न
उत्तर : 1
प्रश्न : शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों की त्रुटियों का अध्ययन करना चाहिए क्योंकि वे प्रायः ………. की ओर संकेत करती हैं।
- योग्यताओं के अनुसार समूह बनाने हेतु दिशा-निर्देश
- भिन्न प्रकार की पाठ्यचर्या की आवश्यकता
- उनके ज्ञान की सीमा
- आवश्यक उपचारात्मक युक्तियों
उत्तर : 4
प्रश्न : सीमा हर पाठ को बहुत जल्दी सीख लेती है जबकि लीना उसे सीखने में ज्यादा समय लेती है। यह विकास के …… सिद्धान्त को दर्शाता है।
- वैयक्तिक भिन्नता
- अंतः सम्बन्ध
- निरंतरता
- सामान्य से विशिष्ट की ओर
उत्तर : 1
प्रश्न : निम्नलिखित में से ………… के अतिरिक्त सभी वातावरणीय कारक विकास को आकार देते हैं।
- पौष्टिकता की गुणवत्ता
- संस्कृति
- शिक्षा की गुणात्मकता
- शारीरिक गठन
उत्तर : 4
प्रश्न : श्रवण ह्रास से ग्रसित बच्चे कक्षा में किस सबसे मुख्य नैराश्य (कुंठा) का सामना करते हैं?
- दूसरों के साथ सम्प्रेषण करने तथा सूचनाओं को बाँटने में अक्षमता
- दूसरे विद्यार्थियों के साथ परीक्षा देने में अक्षमता
- प्रस्तावित पाठ्य-पुस्तक को पढ़ने की अक्षमता
- खेल-कूद में भागीदारिता निभाने में अक्षमता
उत्तर : 1
प्रश्न : ‘डिस्लेक्सिया’ मुख्य रूप से ………की समस्या से सम्बन्धित है।
- सुनने
- बोलने
- पढ़ने
- बोलने व सुनने
उत्तर : 3
प्रश्न : प्रतिभाशाली विद्यार्थी अपनी क्षमताओं को तब विकसित कर पाएँगे जब
- बार-बार उनकी परीक्षा होगी
- वे अन्य विद्यार्थियों के साथ अधिगम-प्रक्रिया से जुड़ते हैं। उन्हें अन्य विद्यार्थियों से अलग किया जाएगा
- वे निजी कोचिंग कक्षाओं में पढ़ेंगे
उत्तर : 2
प्रश्न : एक अच्छी पाठ्य पुस्तक ………… से बचती है।
- लैंगिक समानता
- सामाजिक उत्तरदायित्व
- लैंगिक पूर्वाग्रह
- लैंगिक संवेदनशीलता
उत्तर : 3
प्रश्न : पियाजे के अनुसार, संज्ञानात्मक विकास के किस पर बच्चा ‘वस्तु स्थायित्व’ को प्रदर्शित करता है?
- मूर्त संक्रियात्मक चरण
- औपचारिक संक्रियात्मक चरण
- संवेदीप्रेरक चरण
- पूर्व-संक्रियात्मक चरण
उत्तर : 3
प्रश्न : विद्यार्थियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने का आदर्श ‘प्रतीक्षा समय’….. के सही अनुपात में होना चाहिए।
- पिछले पाठों के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा लिया गया समय
- वास्तविक जीवन में प्रश्न की प्रासंगिकता
- पाठ्यचर्या में प्रकरण विशेष के लिए आवंटित समय
- प्रश्न का कठिनाई स्तर
उत्तर : 4
प्रश्न : मान लीजिए आप विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हैं, आप अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों की शिक्षा की संपूर्ण गुणवत्ता को सुधारने के लिए क्या योजना बनाएँगे? इस प्रकार का प्रश्न….. का एक उदाहरण है।
- निम्न स्तरीय अभिसारी
- निम्न स्तरीय अपसारी
- उच्च स्तरीय अभिसारी
- उच्च स्तरीय अपसारी
उत्तर : ??