भारत में केंद्रीय नौकरीयों के लाखों पदों पर विभिन्न आयोगों के द्वारा हर वर्ष भर्ती जारी की जाती है और इनमें से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत में आईएएस, आईपीएस, आईएफएस तथा अन्य विभिन्न पदों पर भर्ती हेतु अधिसूचना जारी करता रहा है।
सिविल सेवा परीक्षा हेतु आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों IAS Syllabus तथा IAS सैलरी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए किताबों का ज्ञान होना आवश्यक है। इसके अलावा उम्मीदवार UPSC Prelims Syllabus और यूपीएससी मेंस सिलेबस को अच्छे से याद कर लें। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी को आसान बनाने के लिए आज हम अभ्यर्थियों को यूपीएससी मेंस सिलेबसकी जानकारी देने जा रहे हैं, इसलिए उम्मीदवार इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का संक्षिप्त विवरण
लेख का नाम | यूपीएससी मुख्य परीक्षा सिलेबस 2023 |
भर्ती बोर्ड का नाम | संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) |
आवेदन की प्रक्रिया | आईएएस, आईपीएस, आईएफएस तथा अन्य पद |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑनलाइन |
चयन-प्रक्रिया | प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार |
श्रेणी | प्रमुख परीक्षा |
आधिकारिक वेबसाइट | https://upsc.gov.in/ |
UPSC Mains Exam Pattern 2023 क्या है?
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में कुल नौ पेपर आयोजित होते हैं और यह परीक्षा लिखित परीक्षा होती है। यूपीएससी मुख्य परीश में सबसे पहले संविधान के आठवीं अनुसूची में सम्मिलित सभी भाषाओं में से उम्मीदवार द्वारा चुना गयी किसी एक भाषा की परीक्षा तथा अंग्रेजी, जो की अनिवार्य विषय है, उसकी परीक्षा आयोग के द्वारा ली जाती है। इन दोनों पेपर में केवल 25% अंक लाने होते हैं और इनके अंक मेरिट में नहीं जोड़े जाते हैं।
इसके बाद आयोग निबंध (Essay) का पेपर होते है और इसके बाद क्रमशः सामान्य अध्ययन – I, II, III, IV पेपर होते हैं तथा अंतिम में उम्मीदवार द्वारा चुने गए एक वैकल्पिक विषय का दो पेपर होता है। निबंध, वैकल्पिक विषय और सामान्य अध्ययन के सभी प्रश्न 250 अंक के होते है, वहीं अनिवार्य अंग्रेजी और उम्मीदवार चुनी गई एक भाषा की परीक्षा 300 अंक की होती है। आइये निम्नलिखित टेबल के माध्यम से यूपीएससी मुख्य परीक्षा हेतु परीक्षा पैटर्न हो समझते हैं-
विषय | कुल अंक | समयावधि |
पेपर ए (अनिवार्य भारतीय भाषा) | 300 | 3 घण्टे |
पेपर बी (अंग्रेजी) | 300 | 3 घण्टे |
पेपर I (निबंध) | 250 | 3 घण्टे |
पेपर II (सामान्य अध्ययन – I) | 250 | 3 घण्टे |
पेपर III (सामान्य अध्ययन – II) | 250 | 3 घण्टे |
पेपर IV (सामान्य अध्ययन – III) | 250 | 3 घण्टे |
पेपर V (सामान्य अध्ययन – IV) | 250 | 3 घण्टे |
पेपर VI (वैकल्पिक विषय – I) | 250 | 3 घण्टे |
पेपर VII (वैकल्पिक विषय – II) | 250 | 3 घण्टे |
UPSC Mains Syllabus क्या है?
यूपीएससी मुख्य परीक्षा का उद्देश्य उम्मीदवारों के बौद्धिक गुणों तथा उनके गहन ज्ञान का आंकलन करना है, इसीलिए आयोग यह परीक्षा लिखित रूप में लेता रहा है। सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों में प्रश्नों के प्रकार ऐसे होते हैं कि केवल शिक्षित व्यक्ति गहन अध्ययन तथा अच्छी तार्किक क्षमता के आधार पर ही इन प्रश्नों का उत्तर लिख सकता है। इसके अलावा आयोग उम्मीदवरों की भाषा ज्ञान का परीक्षा तथा एक वैकल्पिक विषय और निबंध के आधार पर उनकी योग्यताओं का आंकलन करता है। यूपीएससी मेंस सिलेबस निम्नलिखित है-
भाषाओं और अंग्रेजी विषय हेतु सिलेबस
यूपीएससी मुख्य परीक्षा सिलेबस में सबसे पहले उम्मीदवारों द्वारा चुनी गई एक भाषा और अंग्रेजी विषय का जिक्र होता है। इन दोनों भाषाओं की परीक्षा केवल भाषाओं के ज्ञान हेतु लिए जाते हैं तथा इन प्रश्नपत्रों में उम्मीदवारों को केवल 25% अंक लाने होते हैं। भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में से उम्मीदवार द्वारा चुनी गई किसी एक भाषा और अनिवार्य अंग्रेजी विषय का सिलेबस निम्नलिखित है-
- दिए गये गद्यांशों को समझना
- संक्षेपण
- शब्द प्रयोग तथा शब्द भंडार
- लघु निबंध
- अंग्रेजी से भारतीय भाषा या भारतीय भाषा से अंग्रेजी भाषा में अनुवाद।
निबंध (प्रश्नपत्र -1)
उम्मीदवारों को विभिन्न विषयों पर प्रभावी और सटीक निबंध लिखने होंगे तथा उनसे अपेक्षा की जाएगी कि निबंध के विषयों पर केंद्रित रहें और अपने विचारों को सुनियोजित रूप से शब्द सीमा को देखते हुए, अपने विचारों को उत्तर-पुस्तिका में लिखें। निबंध में प्रश्न, करेंट अफेयर्स के किसी मुद्दे से, उद्धरण या किसी प्रसिद्ध लोकोत्तियों से सम्बंधित पूछे जाते हैं।
सामान्य अध्ययन – I (प्रश्नपत्र -2)
सामान्य अध्य्यन -I (GS-1) के प्रश्नपत्र में प्रश्न सम्भवतः भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज से पूछे जाते हैं।
- भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
- 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास, महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व विषय।
- स्वतंत्रता संग्राम इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति / उनका योगदान।
- स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
- विश्व के इतिहास में 18वीं सदी की घटनाएं यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
- भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता ।
- महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं सम्बद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय।
- भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
- सामाजिक सशक्तीकरण, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्म निरपेक्षता।
- विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
- विश्वभर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित ) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक।
- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएं, भूगोलीय विशेषताएं और उनके स्थान अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
सामान्य अध्ययन – II (प्रश्नपत्र -3)
सामान्य अध्य्यन -II (GS-2) के प्रश्नपत्र में शासन व्यवस्था, संविधान शासन-प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध से प्रश्न पूछे जाते हैं।
- भारतीय संविधान ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां।
- स्थानीय स्तर पर शाक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां।
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
- संसद और राज्य विधायिका संरचना, कार्य, कार्य संचालन, शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
- विभिन्न सवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकाय की शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व।
- सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय ।
- सरकारी नीतियाँ और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय | विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघ, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
- केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य निष्पादन इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
- गरीबी और भूख से संबंधित विषय।
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
- भारत एवं इसके पड़ोसी-संबंध।
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
- भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच उनकी संरचना, अधिदेश।
सामान्य अध्ययन – III (प्रश्नपत्र -4)
सामान्य अध्य्यन -III (GS -3) के पेपर में प्रश्न प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन से पूछे जाते हैं।
- भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय।
- समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
- सरकारी बजट।
- मुख्य फसलें देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएं किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी।
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय जन वितरण प्रणाली उद्देश्य, कार्य, सीमाएं, सुधार, बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय प्रौद्योगिकी मिशन, पशु-पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग कार्यक्षेत्र एवं महत्व, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
- भारत में भूमि सुधार।
- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
- बुनियादी ढांचा ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन रेलवे आदि।
- निवेश मॉडल।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
- सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कम्प्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।
- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
- आपदा और आपदा प्रबंधन।
- विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका ।
- संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें धन-शोधन और इसे रोकना ।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
- विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश।
सामान्य अध्ययन – IV (प्रश्नपत्र -5)
सामान्य अध्य्यन -IV (GS -4) में नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरूचि से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा इस प्रश्नपत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार- व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिए प्रश्नपत्रों में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध : मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम, नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र मानवीय मूल्य महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके – उपदेशों से शिक्षा मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
- अभिवृत्ति : सारांश कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि, सामाजिक प्रभाव और धारणा।
- सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना ।
- भावनात्मक समझ : अवधारणाएं तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
- लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र : स्थिति तथा समस्याएं; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिताएं तथा दुविधाएं नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतो के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतर्रात्मा शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे कारपोरेट शासन व्यवस्था ।
- शासन व्यवस्था में ईमानदारी : लोक सेवा की अवधारणा शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, अष्टाचार की चुनौतियां तथा उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)।
वैकल्पिक विषय ( प्रश्नपत्र 6 और 7)
सामान्य अध्य्यन के सभी प्रश्नपत्रों की परीक्षा के बाद उम्मीदवार द्वारा चुनी गई वैकल्पिक विषय की परीक्षा आयोजित की जाती है। वैकल्पिक विषय (Optional Subject) की परीक्षा दो पेपर के आधार पर ली जाती है और सभी वैकल्पित विषय हेतु अलग-अलग सिलेबस होते हैं।
उम्मीदवार को निम्नलिखित विषय में से किसी एक विषय को ववैकल्पिक विषय (Optional Subject) के रूप में चुनना होता है तथा सभी विषयों का सिलेबस अधिसूचना में निहित होता है। यूपीएससी परीक्षा में वैकल्पिक विषय में निम्नलिखित विषय शामिल हैं-
- कृषि विज्ञान
- पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान
- नृविज्ञान
- वनस्पति विज्ञान
- रसायन विज्ञान
- सिविल इंजीनियरी
- वाणिज्य शास्त्र तथा लेखा विधि
- अर्थशास्त्र विदयुत इंजीनियरी
- भूगोल
- भू-विज्ञान
- इतिहास
- विधि प्रबंधन
- गणित
- यांत्रिक इंजीनियरी
- चिकित्सा विज्ञान दर्शन शास्त्र
- भौतिकी
- राजनीति विज्ञान तथा अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध
- मनोविज्ञान
- लोक प्रशासन
- समाज शास्त्र
- प्राणि विज्ञान
- निम्नलिखित भाषाओं में से किसी एक भाषा का साहित्य : असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कोकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू और अंग्रेजी।
UPSC Mains Syllabus PDF को ऐसे करें डाउनलोड
जो उम्मीदवार यूपीएससी मेंस सिलेबस पीडीएफ डाउनलोड को करना चाहते हैं, वे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके इसे डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलवा सभी वैकल्पिक विषयों के सिलेबस मौजूद हैं तथा सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित सभी जानकारियां आप अधिसूचना के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
यूपीएससी मुख्य परीक्षा में कुल नौ प्रश्नपत्र होते है।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा कुल 1750 अंको की होती है।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा में पहला पेपर उम्मीदवार द्वारा चुनी गई भाषा के परीक्षण हेतु आयोजित होता है।
जी नहीं! यूपीएससी मुख्य परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न नही पूछे जाते हैं।
यूपीएससी मेंस सिलबेस पीडीएफ़, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा अधिसूचना में निहित होता है, जिसे आप इसके आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।