CBSE CTET Exam 2022-23 Most Important Questions : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET 2022-23) का आयोजन एक वर्ष में दो बार कराया जाता है। CTET Exam 2022-23 का आयोजन 28 दिसम्बर 2022 से शुरू हो चुका है जो कि 7 फरवरी 2023 तक आयोजित की जाएगी। ऐसे में जिन उम्मीदवारों ने इस परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, वे अपना एडमिट कार्ड (प्रवेश पत्र) परीक्षा से दो दिन पहले डाउनलोड कर परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
ऐसे में आज हम इस लेख के माध्यम से बालकों के विकास के सिद्धांत पर आधारित 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों को लेकर आये हैं जो विगत परीक्षाओं में बार बार पूछे जा चुके है। उम्मीदवारों को CBSE CTET Exam 2022-23 Most Important Questions का एक बार अवश्य अध्ययन करना चाहिए, जिससे उनकी तैयारी को और मजबूती मिल सकें।

बालकों के विकास के सिद्धांत पर आधारित 30 महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न. केस अध्ययन विधि के संबंध में क्या सही नहीं है?
- यह एक वैज्ञानिक विधि है।
- यह विधि बहु जटिल होती है।
- यह सरल और सस्ती होती है।
- यह कारण का पता लगाकर समस्याओं का निदान करती है।
उत्तर: 2
प्रश्न. बालक के व्यक्तिगत अध्ययन की मनोवैज्ञानिक विधि है-
- रैटिंग स्केल
- केस स्टडी
- प्रश्नावली
- प्रयोगात्मक विधि
उत्तर: 2
प्रश्न. कक्षा का एक शरारती बालक अन्य छात्रों को परेशान करता है। एक अध्यापक को उसकी समस्या का कारण जानने हेतु किस विधि का प्रयोग करना चाहिए?
- सर्वेक्षण विधि
- वैयक्तिक अध्ययन विधि
- प्रायोगिक विधि
- पर्यवेक्षण विधि
उत्तर: 2
प्रश्न. बाल विकास की परिभाषा का अध्ययन क्षेत्र है जो
- मानवीय सामर्थ्यो में परिवर्तन का परीक्षण करता है
- जीवन अवधि के दौरान व्यवहार की व्याख्या ढूँढ़ेगा
- बच्चो की वयस्क तथा वरिष्ठ नागरिको के साथ तुलना करेगा
- किसी बच्चे के संज्ञानात्मक, सामाजिक तथा दूसरे सामर्थ्यो के क्रमिक विकास के लिए उत्तरदायी होगा
उत्तर: 4
प्रश्न. निरीक्षण विधि में किया जाता है।
- अपना अध्ययन
- अपने व्यवहार का अध्ययन
- दूसरों के व्यवहारों का अध्ययन
- व्यवहार विश्लेषण
उत्तर: 3
प्रश्न. बच्चे के विकास के सिद्धान्तों को समझना शिक्षक की सहायता करता है।
- शिक्षार्थियों की भिन्न अधिगम शैलियों को प्रभावी रूप से संबोधित करने में
- शिक्षार्थी के सामाजिक स्तर को पहचानने में
- शिक्षार्थी की आर्थिक पृष्ठभूमि को पहचानने में
- शिक्षार्थियों को क्यों पढ़ाना चाहिए- यह औचित्य स्थापित करने में
उत्तर: 1
प्रश्न. सीमा हर पाठ को बहुत जल्दी सीख लेती है जबकि लीना उसे सीखने में ज्यादा समय लेती है। यह विकास के …….. सिद्धांत को दर्शाता है।
- वैयक्तिक भिन्नता
- अन्त संबंध
- निरंतरता
- सामान्य से विशिष्ट की ओर
उत्तर: 1
प्रश्न. शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि-
- शिक्षार्थी हमेशा समूहों में ही बेहतर सीखते हैं।
- शिक्षार्थी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में ऐसा ही बताया गया है।
- इससे प्रत्येक शिक्षार्थी को अनुशासित करने के लिए शिक्षकों को बेहतर अवसर मिलते हैं।
- बच्चों की विकास दर भिन्न होती है और वे भिन्न तरीकों से सीख सकते हैं।
उत्तर: 4
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प्रश्न. मनोसामाजिक सिद्धान्त निम्नलिखित में से किस पर बल देता है?
- उद्दीपन व प्रतिक्रिया
- लिंगीय व प्रसुप्ति स्तर
- उद्यम के मुकाबले में हीनता स्तर
- क्रियाप्रसूत (सक्रिय) अनुबंधन
उत्तर; 3
प्रश्न. वैयक्तिक शिक्षार्थी एक-दूसरे से .……. में भिन्न होते हैं।
- विकास-क्रम
- विकास की सामान्य क्षमता
- बुद्धि एवं विकास के सिद्धान्तो
- विकास की दर
उत्तर: 4
प्रश्न. पूर्व विद्यालय में पहली बार आया बच्चा मुक्त रूप से चिल्लाता है। दो वर्ष पश्चात वही बच्चा जब प्रारंभिक विद्यालय में पहली बार जाता है, तो अपना तनाव चिल्लाकर व्यक्त नहीं करता अपितु उसके कन्धे व गर्दन की पेशियाँ तन जाती हैं उसके इस व्यावहारिक परिवर्तन का क्या सैद्धान्तिक आधार हो सकता है?
- विकास क्रमिक प्रकार से होता है।
- विकास निरन्तरीय होता रहता है।
- अलग अलग लोगों में विकास भी भिन्न रूप से होता है
- विभेद व एकीकरण विकास के लक्षण हैं
उत्तर: 4
प्रश्न. एक बच्चा अपनी मातृभषा सीख रहा है व दूसरा बच्चा वही भाषा द्वितीय भाषा के रूप में सीख रहा है। दोनों निम्नलिखित में से कौन-सी समान प्रकार की त्रुटि कर सकते हैं।
- अधिकाधिक सामान्यीकरण
- सरलीकरण
- अत्यधिक संशुद्धता
- विकासात्मक
उत्तर: 4
प्रश्न. मानव विकास कुछ विशेष सिद्धान्तों पर आधारित है। निम्नलिखित में से कौन-सा मानव विकास का सिद्धान्त नहीं है?
- सामान्य से विशिष्ट
- प्रतिवर्ती
- निरंतरता
- आनुक्रमिकता
उत्तर: 2
प्रश्न. प्रत्येक शिक्षार्थी स्वयं में विशिष्ट है। इसका अर्थ है कि-
- सभी शिक्षार्थीयों के लिए एक समान पाठ्यचर्या संभव नहीं है
- एक विषमरूपी कक्षा में शिक्षार्थियों की क्षमताओं को विकसित करना असंभव है
- कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्यताओं, रूचियों और प्रतिभाओं में एकसमान नहीं होते
- शिक्षार्थियों में न तो कोई समान विशेषताएँ होती हैं और न ही उसके लक्ष्य समान होते हैं
उत्तर: 3
प्रश्न. बच्चे के विकास के सिद्धान्तों को समझना शिक्षक की सहायता करता है-
- शिक्षार्थियों को क्यों पढ़ाना चाहिए यह औचित्य स्थापित करने में
- शिक्षार्थियों की भिन्न अधिगम – शैलियों को प्रभावी रूप में संबोधित करने में
- शिक्षार्थी के सामाजिक स्तर को पहचानने में
- शिक्षार्थी की आर्थिक पृष्ठभूमि को पहचानने में
उत्तर: 2
प्रश्न. इनमें से कौन-सा बाल विकास का एक सिद्धान्त है?
- विकास परिपक्वन तथा अनुभव के बीच अन्योन्यक्रिया की वजह से घटित होता है।
- अनुभव विकास का एकमात्र निर्धारक है।
- विकास प्रबलन तथा दण्ड के द्वारा सुनिश्चित किया जाता है।
- विकास प्रत्येक बच्चे की गति का सही ढंग से अनुमान लगा सकता है।
उत्तर: 1
प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा बाल विकास का एक सिद्धान्त नहीं है?
- सभी विकास एक क्रम का पालन करते हैं
- विकास के सभी क्षेत्र महत्त्वपूर्ण हैं
- सभी विकास परिपक्वन तथा अनुभव की अंत क्रिया का परिणाम होते हैं।
- सभी विकास तथा अधिगम एक समान गति से आगे बढ़ते हैं।
उत्तर: 4
प्रश्न. कौन-सा अभिवृद्धि और विकास का सिद्धान्त नहीं है?
- समान प्रतिमान का सिद्धान्त
- विशिष्ट के सामान्य क्रियाओं का सिद्धान्त
- सतत विकास का सिद्धान्त
- व्यक्तिगत विभिन्नताओं का सिद्धान्त
उत्तर: 2
प्रश्न. विकास एक प्रक्रिया है
- खण्डित
- पूर्ण
- निरन्तर
- अपूर्ण
उत्तर: 3
प्रश्न. विकास ……. से ……. की ओर बढ़ता है-
- सामान्य → विशिष्ट
- जटिल → कठिन
- विशिष्ट → सामान्य
- साधारण → आसान
उत्तर: 1
प्रश्न. अपने आपको प्रेम करने की प्रवृत्ति को क्या कहते हैं?
- आत्मकेन्द्रित प्रवृत्ति
- अहंकारी प्रवृत्ति
- नासिसिज्म की प्रवृत्ति
- हिप्नोटिज्म की प्रवृत्ति
उत्तर: 3
प्रश्न. मनोलैंगिक विकास में सुप्तावस्था का वर्ष – अन्तराल सम्बन्धित है
- 2-5 वर्षों का
- 6 से यौवन तक
- 18-20 वर्षों का
- 20-22 वर्षों का
उत्तर: 2
प्रश्न. विकास के मनोसामाजिक सिद्धान्त का प्रतिपादन …….. ने किया था?
- फ्रायड
- एरिकसन
- कोहलर
- वाटसन
उत्तर: 2
प्रश्न. विकास के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन नहीं है?
- विकासात्मक परिवर्तन एक सीधी रेखा में आगे जाते हैं
- विकास जन्म से किशोरावस्था तक आगे की ओर बढ़ता है ओर फिर पीछे की ओर
- विकास भिन्न व्यक्तियों में भिन्न गति से होता है
- विकास जन्म से किशोरावस्था तक बहुत तीव्र गति से होता है और उसके बाद रुक जाता है
उत्तर: 1
प्रश्न. विकास के सिद्धान्तों के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
- विकास एक परिमाणात्मक प्रक्रिया है जिसका ठीक-ठाक मापन हो सकता है।
- विकास परिपक्वन और अधिगम पर आधारित होता है।
- विकास वंशानुगतता और वातावरण के बीच सतत अन्योन्यक्रिया से होता है
- प्रत्येक बच्चा विकास के चरणो से गुजरता है फिर भी बच्चों में वैयक्तिक भिन्नताएँ बहुत होती है।
उत्तर: 1
प्रश्न. विकास का शिरःपदाभिमुख दिशा सिद्धान्त व्याख्या करता है कि विकास इस प्रकार आगे बढ़ता है
- सामान्य से विशिष्ट कार्यों की ओर
- भिन्न से एकीकृत कार्यों की ओर
- सिर से पैर की ओर
- ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर
उत्तर: 3
प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा वृद्धि और विकास के सिद्धान्तों से सम्बन्धित नहीं है?
- निरन्तरता का सिद्धान्त
- वर्गीकरण का सिद्धान्त
- समन्वय का सिद्धान्त
- वैयक्तिकता का सिद्धान्त
उत्तर: 1
प्रश्न. मानव व्यक्तित्व के मनो-लैंगिक विकास को निम्न में किसने महत्व दिया था
- कमोनियस
- हॉल
- हालिंगवर्थ
- फ्रायड
उत्तर: 4
प्रश्न. निम्न में से कौन-सा विकास का सिद्धान्त नहीं है?
- अनुकूलित प्रत्यावर्तन का सिद्धान्त
- निरन्तर विकास का सिद्धान्त
- परस्पर सम्बन्ध का सिद्धान्त
- समान प्रतिमान का सिद्धान्त
उत्तर: 1
प्रश्न.एक बच्चा ईर्ष्या का प्रदर्शन करता है
- 6 माह की आयु में
- 12 माह की आयु में
- 18 माह की आयु में
- 24 माह की आयु में
उत्तर : ?
इस प्रश्न का सही उत्तर क्या होगा? हमें अपना जवाब कमेंट सेक्शन में जरूर दें।
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