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DM Ka Full Form

भारतीय अधिकारी तंत्र में जिला अधिकारी का पद सबसे सर्वोच्च और सम्मानित माना जाता है और शायद इसलिए देश के लाखों युवा इस पद के पाने का प्रयास करते हैं। भारत के जिलों का कार्य-भार एक जिला अधिकारी ही करता है लेकिन इस पद को रैंक के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। DM का पूरा नाम District Magistrate (डिट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) होता और आम भाषा में इस जिला अधिकारी भी कहते हैं।

डीएम जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है और इसके देख-रेख में जिले के सभी सरकारी विभाग के कर्मचारी काम करतें हैं। अगर आप भी डीएम बनने की सोच रहें हैं या DM Kaise bane? के बारे में आपको नहीं पता है तो इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि DM कैसे बने?, DM के कार्य क्या हैं?, IAS सैलरी कितनी मिलती है? तथा DM बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए आदि सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।

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DM Full Form क्या होता है?

डीएम के ऐसे तो बहुत सारे मतलब होतें है, जैसे कि Digital Marketing (DM), Direct Massage (DM), Doctor of Medicine (DM) इत्यादि लेकिन आज हम उस DM के बारे में बात करने वाले है जो कि भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित है। DM एक केंद्र सरकार की बहुत ही सम्मानित नौकरियों में से एक है और DM Ka Full Form डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होता है, जिसको हिंदी में जिला अधिकारी भी कहा जाता है।

DM के कार्य

हमारे भारत देश मे कई राज्य है एवं उन राज्यों में कई जिले होते हैं और उन जिलों की देख-रेख डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) के द्वारा की जाती है। डीएम जिले का प्रमुख अधिकारी होता है जिसके अंतर्गत सभी सरकारी विभाग के कर्मचारी काम करते हैं। डीएम का कार्य जिले में शांति व्यवस्था बनाये रखना हैं तथा इसके साथ ही जिला अधिकारी, जिले के किसी भी विभाग में जाकर निरीक्षण कर सकता है, जैसे स्कूल और कॉलेजों में, जल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, इत्यादि।

डीएम अस्पताल, दुकान आदि जगहों पर जाकर भी निरीक्षण कर सकता है। जिला अधिकारी जिले में चल रहीं योजनाओं या किसी भी सरकारी निर्माण कार्य का निरीक्षण कर सकता है एवं उसमें उपयोग हो रहे किसी भी सामान की गुणवत्ता की जांच कर सकता है तथा किसी प्रकार की कमी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारी के ऊपर सख्त कार्यवाही भी कर सकता है।

DM बनने के लिए योग्यता

जिला अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। वहीं सामान्य वर्ग के उम्मीदवार की आयु 21 से 32 साल तक होनी चाहिए। एवं इस अवधि में उम्मीदवार 6 बार सिविल सेवा परीक्षा दे सकता है। वहीं ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार की आयु सीमा 21 से 35 साल तक होती है और वो इस समय अवधि में 9 बार इस परीक्षा में बैठ सकता है तथा एससी एवं एसटी वर्ग के उम्मीदवार की आयुसीमा 21 से 37 वर्ष तय है और इन वर्षों में उम्मीदवार अपनी इच्छनुसार परीक्षा में भाग ले सकता है।

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DM कैसे बनें?

जिला अधिकारी यानी DM बनने के लिए उम्मीदवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित कराई जाने वाली Civil Service Exam में हिस्सा लेना होता है। इस परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में आयोजित किया जाता है।

  1. प्रारंभिक परीक्षा
  2. मुख्य परीक्षा
  3. साक्षात्कार

प्रारंभिक परीक्षा : इस परीक्षा में 2 पेपर होतें हैं, जिसमे पहला पेपर सामान्य अध्ययन (General Studies) का होता है। जिसमें 100 प्रश्न पूछे जाते हैं, जो पूरे 200 अंको का रहता है एवं इस परीक्षा की समय अवधि 02 घंटे की होती है। इस परीक्षा में पर्यावरण और परिस्थितिकी,आजादी के बाद का इतिहास, विज्ञान, समायिकी , अर्थशास्त्र, राजनीति, भूगोल, आधुनिक इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, सरकारी नीतियां और पहलू संस्थान, अंतराष्ट्रीय संबंध, कला और संस्कृति, इत्यादि से संबंधित प्रश्न पूछे जातें हैं।

वहीं दूसरा पेपर सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) का होता है। इस टेस्ट में 80 प्रश्न पूछे जाते हैं जो 200 अंको का होता है एवं इसकी भी समय अवधि 2 घण्टे की होती है। इस परीक्षा में गणित (अंकगणित, रेखागणित, बीजगणित, एवं सांख्यिकी), अंग्रेजी, हिंदी, सामान्य बौद्धिक योग्यता, तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता, निर्णय लेना और समस्या समाधान तथा कम्प्रेहैन्सिव से संबंधित प्रश्न पूछे जातें हैं। ये परीक्षा एक क्वालीफाइंग परीक्षा के तौर पर होती है जिसके नंबर मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जातें हैं।

मुख्य परीक्षा : प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य माना जाता है। इस परीक्षा में पूरे 9 पेपर होतें हैं एवं प्रत्येक पेपर 3 घण्टे का होता है। इन 9 पेपर से 2 भाषा के पेपर होतें है, 4 सामान्य अध्ययन के पेपर होतें है, 2 वैकल्पिक विषय के पेपर होतें है तथा 1 निबंध लेखन का पेपर होता है।

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भाषा के पेपर में 2 भाषाओं की परीक्षा ली जाती है जिसमे की एक भाषा अंग्रेजी अनिवार्य है एवं दूसरी भाषा कोई भी लिया जा सकता है। सामान्य अध्ययन के पहले तीन पेपर में विश्व भूगोल, भारतीय भूगोल और प्राकृतिक संसाधन, भारतीय इतिहास (प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक), भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और भारतीय संस्कृति, भारतीय अर्थव्यवस्था, सामान्य विज्ञान, जीवन शैली, सामाजिक रीति रिवाज, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घटित वर्तमान घटनाएं, भारतीय कृषि, व्यापार और वाणिज्य, भारतीय राजनीति, इत्यादि से प्रश्न पूछे जातें हैं। एवं सामाजिक अध्ययन का चौथा पेपर नीति (Ethics) पर आधारित होता है।

निबंध लेखन में उम्मीदवार को राष्ट्रीय विकास योजनाएं और परियोजनाएं, विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी आर्थिक क्षेत्र, कृषि उद्योग एवं व्यापर, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम, साहित्य और संस्कृति, सामाजिक क्षेत्र, राजनैतिक क्षेत्र, प्राकृतिक आपदाएं, इत्यादि पर निबंध लिखना होता है एवं दो वैकल्पिक पेपर में 29 विषय दिए जाते हैं जिनमें से किसी एक विषय को चुनकर परीक्षा देना पड़ता है।

साक्षात्कार : अगर उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा पास कर लेता है तो उसे साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। साक्षात्कार में उम्मीदवार से अलग-अलग विषयों से संबंधित बहुत से प्रश्न पूछे जाते है।

साक्षात्कार में पास हो जाने के उपरांत उम्मीदवार का मेडिकल परीक्षण होता है। जिसमें खून की जाँच, यूरिन टेस्ट, चेस्ट एक्स-रे, आंखों की जाँच, कलर ब्लाइंडनेस टेस्ट, इत्यादि किया जाता है।

मेडिकल में फिट होने के बाद उम्मीदवार को लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) मसूरी में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है। जहाँ उन्हें 2 साल तक ट्रेनिंग करनी होती है, उसके पश्चात उम्मीदवार को अलग-अलग विभाग में 2 साल की ऑन जॉब ट्रेनिंग भी कराई जाती है। पूरे 4 साल की ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात उम्मीदवार को अलग-अलग जिलों में सब डिवीसनल मजिस्ट्रेट (SDM) अथवा सब डिवीसनल ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया जाता है। इन पदों पर 4 वर्ष सेवा देने के बाद उन्हें एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) का पद दिया जाता है। इस पद पर 9 साल सेवा देने के पश्चात उम्मीदवार को प्रोमोशन देकर जिला अधिकारी (DM) के पद पर नियुक्त किया जाता है।

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DM का वेतनमान कितना होता है?

एक जिला अधिकारी (DM) की तनख्वाह 80,000 से लेकर 1,20,000 तक होती है और इसके अलावा जिला अधिकारी को रहने के लिए सरकारी आवास, जिले में घूमने के लिए सरकारी गाड़ी इत्यादि की सुविधाएं भी प्रदान की जाती है।

हमें उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गयी DM full form से जुडी यह जानकारी अच्छी लगी होगी, इसके अलावा अगर आपके कोई सवाल और सुझाव हों तो नीचे कमेंट करके हमें जरूर बताएं।