CTET/UPTET Hindi Language Practice Set 64 : CTET की परीक्षा प्रारंभ हो चुकी है जो कि 13 जनवरी तक चलने वाली है, इस परीक्षा की तैयारी अभ्यर्थी कई महीनों से कर रहें है ताकि परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त कर सकें। CTET की परीक्षा ऑनलाईन माध्यम द्वारा कराई जा रही है। UPTET परीक्षा तिथि की घोषणा हो चुकी है, जो कि 23 जनवरी 2022 को आयोजित कराई जाएगी।
ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको UPTET/CTET के परीक्षा में पूछे गए विगत वर्षों के हिंदी भाषा के 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूत बना सकतें हैं।
CTET/UPTET Hindi Language Practice Set 64
निर्देश : नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए निम्नलिखित नौ प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए
मानव के मर्मस्थल में परोपकार और त्याग जैसे सद्गुणों की जागृति तभी हो पाती है, जब वह अपने तुच्छ भौतिक जीवन को नगण्य समझकर उत्साह-उमंग के साथ दूसरों की सेवा-शुश्रूषा तथा सत्कार करता है। यह कठोर सत्य है कि हम भौतिक रूप में इस संसार में सीमित अवधि तक ही रहेंगे। हमारी मृत्यु के बाद हमारे निकट सम्बन्धी, मित्र, बन्धु-बाँधव जीवन भर हमारे लिए शोकाकुल और प्रेमाकुल भी नहीं रहेंगे। दुख मिश्रित इस निर्बल भावना पर विजय पाने के लिए तब हमारे अन्तर्मन में एक विचार उठता है कि क्यों न हम अपने कर्मों और सद्गुणों का प्रकाश फैलाकर सदा-सदा के लिए अमर हो जाएँ।
सेवक प्रवृत्ति अपनाकर हम ऐसा अवश्य कर सकते हैं। अपने निःस्वार्थ व्यक्तित्व और परहित कर्मों के बल पर हम हमेशा के लिए मानवीय जीवन हेतु उत्प्रेरणा बन सकते हैं। अनुपम मनुष्य जीवन को सद्गति प्रदान करने के लिए यह विचार नया नहीं है। ऐसे विचार सज्जन मनुष्यों के अन्तर्मन में सदा उठते रहते हैं तथा इन्हें अपनाकर वे दुनिया में अमर भी हो गए। इस धरा पर स्थायी रूप में नहीं रहने पर भी ऐसे परहितकारी कालान्तर तक पूजे जाते रहेंगे। अमूल्य मनुष्य जीवन की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा यही है। यही सीखकर मनुष्य का जीवन आनन्दमय और समृद्धिशाली हो सकता है।
यदि इस प्रकार मानव जीवन उन्नत होता है, तो यह सम्पूर्ण संसार स्वर्गिक विस्तार ग्रहण कर लेगा। किसी भी मानव को आध्यात्मिकता का जो अन्तिम ज्ञान मिलेगा, वह भी यही शिक्षा देगा कि धर्म-कर्म का उद्देश्य सत्कर्मों और सद्गुणों की ज्योति फैलाना ही है।
प्रश्न : हमारा जीवन सदा प्रेरणा बन सकता है, यदि हम
- सेवक प्रवृत्ति का प्रचार-प्रसार करें
- परहित और परोपकार करें
- निःस्वार्थ भाव से परोपकार करें
- परसेवा के लिए सबको प्रेरित करें
उत्तर : 3
प्रश्न : धर्म के आचरण का उद्देश्य है
- अच्छे कर्मों और गुणों का प्रकाश फैलाना
- कर्म पर आस्था रखना
- अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करना
- आध्यात्मिकता की शिक्षा प्रदान करना
उत्तर : 1
प्रश्न : क -“ऐसे विचार
ख – सज्जन मनुष्यों के
ग – अन्तर्मन में
घ – सदा उठते रहे हैं।”
अनुच्छेद में प्रयुक्त उपर्युक्त अशुद्ध वाक्य को चार भागों में बाँट दिया गया है, वह भाग पहचानिए, जिसमें अशुद्धि हो
- (घ)
- (क)
- (ख)
- (ग)
उत्तर : 3
प्रश्न : ऐसे परोपकारी लोग सदा पूजे जाते रहेंगे, जो
- आनन्दमय जीवन जीते रहे
- अमूल्य मानव जीवन में श्रेष्ठ शिक्षक रहे
- सेवक वृत्ति अपनाकर परहित करते रहे
- धरती पर स्थायी रूप से नहीं रहे
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘कठोर सत्य’ किसे कहा गया है?
- भावनाओं पर नियन्त्रण न कर पाना
- निकट सम्बन्धियों का अस्थायी प्रेम
- भौतिक संसार की तुच्छता
- भौतिक शरीर की नश्वरता
उत्तर : 4
प्रश्न : निर्बल भावनाओं पर विजय पाने के लिए क्या किए जाने की आवश्यकता बताई गई है?
- विजय पाने के लिए योजना बनाना
- ऐसी भावनाओं को मन में न आने देना
- अच्छे कर्मों से नाम अमर कर लेना
- सदा-सदा के लिए अमर हो जाना
उत्तर : 3
प्रश्न : शेष शब्दों से भिन्न शब्द पहचानिए
- सत्यवादी
- सद्गति
- सद्गुण
- सत्कर्म
उत्तर : 1
प्रश्न : गद्यांश में प्रयुक्त आध्यात्मिकता’ शब्द किन उपसर्ग-प्रत्ययों से बना है?
- आ, इ, कता
- अधि, इ, ता
- अधि, इक, ता
- आध्य, क, ता
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘नि:स्वार्थ’ शब्द का उपयुक्त विपरीतार्थी शब्द है
- परोपकारी
- स्वार्थी
- नि:स्वार्थी
- परार्थी
उत्तर : 2
निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए निम्नलिखित छः प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए
विविध प्रान्त हैं अपनी-अपनी भाषा के अभिमानी हम, पर इन सबसे पहले दुनियावालों हिन्दुस्तानी हम रहन-सहन में, खान-पान में, भिन्न भले ही हों कितने, इस मिट्टी को देते आए, मिल-जुलकर कुर्बानी हम सदियों से कुचले लाखों तूफान हमने पद तल से, आज झुके कुछ टकराकर तो कल लगते फिर जागे से। अण्डमान से कश्मीर भले ही दूर दिखाई दे कितना, पर हर प्रान्त जुड़ा है अपना अगणित कोमल धागों से। जिस ओर बढ़ाए पग हमने, हो गई उधर भू नव मंगल। आजाद वतन के बाशिंदे, हर चरण हमारा है बादल।।
प्रश्न : समास की दृष्टि से शेष से भिन्न पद है
- मिलना-जुलना
- रहन-सहन
- अपनी-अपनी
- खान-पान
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘सदियों से कुचले लाखों तूफान हमने पद तल से’ पंक्ति में ‘तूफान’ का भाव है
- लड़ाइयाँ
- कठिनाइयाँ
- अधियाँ
- आक्रमण
उत्तर : 2
प्रश्न : ‘पैर’ शब्द का समानार्थी नहीं है?
- चरण
- नव
- पग
- पद
उत्तर : 2
प्रश्न : कविता के अनुसार विविधताओं के बीच भी हम एक हैं, क्योंकि सबसे पहले हम
- स्वतन्त्र हैं
- भारतीय हैं
- स्वाभिमानी हैं
- वीर बहादुर हैं
उत्तर : 2
प्रश्न : ‘अण्डमान से कश्मीर’ भारत में है
- दूरस्थ राज्य
- क्रान्तिकारी राज्य
- निकटस्थ राज्य
- बलिदानी राज्य
उत्तर : 1
प्रश्न : हम भारतीय जिधर भी अपने कदम बढ़ाते हैं वहाँ
- शुभ कार्य होते हैं
- शान्ति हो जाती है
- क्रान्ति हो जाती है
- देश स्वतन्त्र हो जाते हैं
उत्तर : 1
प्रश्न : भाषा- कौशल के सम्बन्ध में कौन-सा कथन सही नहीं है?
- भाषा-कौशल एक क्रम में ही अर्जित किए जाते हैं
- भाषा-कौशल एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं
- भाषा-कौशल एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं
- भाषा-कौशल एक क्रम में अर्जित नहीं किए जाते
उत्तर : 4
प्रश्न : बच्चों के भाषा सीखने में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है
- सुन्दर लिखना
- शुद्ध उच्चारण
- मानक
- बातचीत करना
उत्तर : 4
प्रश्न : प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने-सिखाने का अर्थ है
- आलंकारिक भाषा का प्रयोग
- वर्णमाला सीखना
- भाषा का प्रभावी प्रयोग
- साहित्य की रचना
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘बच्चे सामाजिक अन्तःक्रिया से भाषा सीखते हैं।’ यह विचार किसका है?
- पैवलॉव
- वाइगोत्स्की
- जीन पियाजे
- स्किनर
उत्तर : 2
प्रश्न : प्राथमिक स्तर के बच्चों में भाषा-विकास की दृष्टि से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है
- पत्रिका
- पाठ्य-पुस्तक
- समाचार पत्र
- बाल साहित्य
उत्तर : 4
प्रश्न : बच्चों के भाषा प्रयोग में होने वाली ‘त्रुटियों के सम्बन्ध में कौन-सा कथन उचित नहीं है?
- त्रुटियों का अर्थ नहीं है- शिक्षक में कमी
- त्रुटियाँ सीखने की प्रक्रिया का एक पड़ाव हैं
- त्रुटियों का अर्थ है-भाषा-अज्ञानता
- त्रुटियाँ बच्चों की मदद का मार्ग तय करती हैं
उत्तर : 3
प्रश्न : निम्न में से कौन-सा प्रश्न बच्चों के भाषा-आकलन की दृष्टि से सर्वाधिक उपयोगी है?
- ‘ईदगाह’ कहानी की मुख्य घटनाएँ बताइए
- ‘ईदगाह’ कहानी की मुख्य पात्र का नाम बताइए
- ‘ईदगाह’ कहानी को अपनी भाषा में सुनाइए
- ‘ईदगाह’ कहानी में हामिद ने क्या खरीदा ?
उत्तर : 3
प्रश्न : बच्चों में भाषा सीखने की क्षमता
- जन्मजात होती है
- अर्जित की जाती है
- अनुकरणीय होती है
- बिल्कुल भी नहीं होती
उत्तर : 1
प्रश्न : भाषा सीखने और भाषा अर्जित करने में मुख्य अन्तर का आधार है
- साक्षरता
- भाषा-परिवेश
- पाठ्य सामग्री
- भाषा-आकलन
उत्तर : 2
प्रश्न : प्राथमिक स्तर पर बच्चों की भाषा के आकलन में आप सर्वाधिक महत्त्व किसे देंगे?
- पोर्टफोलियो
- जाँच सूची
- लिखित परीक्षा
- प्रश्नावली
उत्तर : 1
प्रश्न : पढ़ने की प्रक्रिया में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है
- प्रवाह
- अर्थ
- अक्षर ज्ञान
- गति
उत्तर : 2
प्रश्न : बहुभाषिक कक्षा में मातृभाषा के प्रयोग को
- अनदेखा कर दिया जाना चाहिए।
- अस्वीकार किया जाना चाहिए
- स्वीकार किया जाना चाहिए
- अधिक महत्त्व नहीं दिया जाना चाहिए
उत्तर : 3
प्रश्न : भाषा सीखने-सिखाने में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है
- संचार माध्यमों का प्रयोग
- अभिभावकों का साक्षर
- भाषा-शिक्षक का भाषा-ज्ञान
- भाषा का समृद्ध परिवेश
उत्तर : 4
प्रश्न : बच्चों को लिखना सिखाने में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है।
- काव्यात्मक भाषा
- विचारों की अभिव्यक्ति
- वर्तनी की शुद्धता
- सुन्दर लेखन
उत्तर : 2
प्रश्न : प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए पाठ्य-पुस्तक के निर्माण में आप सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण किसे मानते हैं?
- भाषा का विविध गद्य साहित्य
- प्रसिद्ध लेखक
- प्रसिद्ध रचनाएँ
- भाषा की विभिन्न रंगतें
उत्तर : ??
इस प्रश्न का सही उत्तर क्या होगा? हमें अपना जवाब कमेंट सेक्शन में जरूर दें।
आशा है आपको यह प्रैक्टिस सेट पसंद आया होगा, सरकारी परीक्षाओं से जुड़ी हर जानकरियों हेतु सरकारी अलर्ट को बुकमार्क जरूर करें।
4
4
1
DDD
4
4
Answer 4
1
भाषा की विभिन्न रंगते
4th
4
Last ka 4 hoga
Option 4 is correct
4