CTET Hindi प्रैक्टिस सेट -2 : सीबीएसई जल्द ही केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) का आयोजन करने वाला है। इसके लिए एडमिट कार्ड दिसंबर के दूसरे सप्ताह में जारी होने की पूरी उम्मीद है। ऐसे जो अभ्यर्थी सीटेट की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए हम विगत वर्षों के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आयें है जिसका अध्य्यन करने से अभ्यर्थी को परीक्षा में आने वाले प्रश्नों का अनुभव भी होगा तथा वे प्रश्न के साथ अभ्यास भी कर सकते हैं।
ये प्रश्न पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों से चुने गये हैं, जो शायद इस सीटेट के आगामी परीक्षा में भी पूछें जा सकते है तो अभ्यर्थी इन प्रश्नों का अध्ययन जरूर करें।
CTET Hindi प्रैक्टिस सेट -2
निर्देश ( प्रश्न संख्या 01-06) नीचे दिए गए पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
हवा चले अनुकूल तो नावें नौसिखिए भी खे लेते हैं, सहज डगर पर लँगड़े भी चल वैसाखी से लेते हैं। मिट जाते जो दीप स्वयं रोशन कर लाख चिरागों को नमन उन्हें है, जो लौटा लाते हैं गई बहारों को। हमारे देश फैलाकर के हाथ किसी के सम्मुख झुकना आसाँ है, बहती नदिया से पानी पी प्यास बुझाना आसाँ है, रिका से नित्य खोदकर नए कुएँ जो सबकी प्यास बुझाते हैं, से वही लोग हैं जो सदियों तक जग में पूजे जाते हैं।
प्रश्न. कवि उन्हें नमन कर रहा है जो
- दूसरों को प्रेरणा देकर मरते हैं
- लाखों दीपक जलाते हैं
- लहरों पर नाव चला लेते हैं
- सरल मार्गों पर चलते हैं
उत्तर : 1
प्रश्न. कविता में ‘बैसाखी’ का भावार्थ है
- एक महीना
- सहारा
- सीढ़ी
- एक फसल
उत्तर : 2
प्रश्न. ‘पानी पी प्यास बुझाना आसाँ है’ में अलंकार है
- अनुप्रास
- मानवीकरण
- उपमा
- रूपक
उत्तर : 1
प्रश्न. समाज उन्हें सदा सम्मानित करता है, जो
- प्यासे को पान पिलाते है
- अपने कार्मों से सबका हित करते हैं
- सदियों तक पूजे जाते हैं
- नित्य नये कुएँ खोदते हैं
उत्तर : 2
प्रश्न. कवि के अनुसार उनका जीवन आसान नहीं है, जो
- लोगों के सामने हाथ फैलाते हैं
- वैसाखी के सहारे चलते हैं
- परिश्रम से बीती बहारों को लौटा लाते हैं
- स्वयं अपने ही लिए साधन जुटाते हैं,
उत्तर : 3
प्रश्न. ‘नौसिखिया’ है
- नौ विषय जानने वाला
- नये विषय पढ़ने वाला
- नया सिखाने वाला
- नया सीखने वाला
उत्तर : 4
निर्देश ( प्रश्न संख्या 07-21) नीचे दिए गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
प्रश्न. पूरी पाठ्यचर्या में……….. में भाषा की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
- मूल्य-निर्माण
- ज्ञान-निर्माण
- व्याकरण-निर्माण
- आकलन-निर्माण
उत्तर : 1
प्रश्न. प्राथमिक कक्षाओं के भाषा-शिक्षक होने के नाते आपकी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका है
- बच्चे की भाषायी क्षमता के विकास के लिए तरह-तरह के अवसर जुटाना
- बच्चों को वाद-विवाद के लिए तैयार करना
- विद्यार्थियों को सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए तैयार करना
- कक्षा में पाठ्य-पुस्तक का अच्छी तरह से निर्वाह करना
उत्तर : 1
प्रश्न. दूसरी कक्षा में पढ़ने वाला रोहित हिन्दी की कक्षा में कुटी अपनी मातृभाषा में बात करता है। आप क्या करेंगे?
- उसकी भाषा को समझने की कोशिश करेंगे
- बाकी बच्चों से उसकी भाषा सीखने के लिए कहेंगे
- उसे डाँटेंगे कि वह कक्षा में मातृभाषा का प्रयोग न करे
- उसे बिल्कुल अनदेखा कर पढ़ाते रहेंगे।
उत्तर : 1
प्रश्न. ‘पढ़ना’ सीखने के लिए कौन-सा उपकौशल अनिवार्य नहीं है?
- भावनात्मक सम्बन्ध
- वर्णमाला याद करने का कौशल
- अनुमान लगाने का कौशल
- भाषा की संरचना की समझ
उत्तर : 2
प्रश्न. द्वियभाषिक बच्चे……. विकास, सामाजिक सहिष्णुता और ……….चिंतन में अपेक्षाकृत बेहतर होते हैं।
- संज्ञानात्मक, सीमित
- संज्ञानात्मक, विस्तृत
- संक्रियात्मक, सीमित
- संक्रियात्मक, केन्द्रित
उत्तर : 2
प्रश्न. निम्नलिखित में से किसके अभाव में हम पढ़ नहीं सकते?
- लिपि से परिचय
- बारहखड़ी से परिचय
- वर्णमाला की क्रमबद्धता का ज्ञान
- सयुक्ताक्षरों की पहचान
उत्तर : 1और 3
प्रश्न. भाषा और विचार के सम्बन्धों की चर्चा में अग्रणी हैं
- पियाजे
- स्किनर
- चॉम्स्की
- वाइगोत्स्की
उत्तर : 4
प्रश्न. सिद्धार्थ की माँ ने अपने परिवार के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे घर में एक ही भाषा का प्रयोग करें जिससे कि सिद्धार्थ का भाषायी विकास ठीक से हो सके। उनके बारे में आप क्या कहेंगे?
- वह सिद्धार्थ को समृद्ध भाषिक परिवेश से वंचित कर रही है वह सिद्धार्थ के भाषिक परिवेश में किसी प्रकार का अवरोध नहीं चाहतीं
- यह सिद्धार्थ के भाषायी विकास के लिए विशेष प्रयत्न कर रही है
- वह भाषा-अर्जन के सिद्धान्तों की गहरी समझ रखती हैं
उत्तर : 2
प्रश्न. प्राथमिक स्तर पर भाषा-शिक्षण के सन्दर्भ में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है कि बच्चे
- लिखी/छपी सामग्री का अर्थ समझ सकें
- लिखी/छपी सामग्री को बोल-बोलकर पढ़ सकें
- अक्षरों को जोड़-जोड़कर पढ़ सकें
- शब्दों को जोड़-जोड़कर वाक्य पढ़ सकें
उत्तर : 1
प्रश्न. प्राथमिक स्तर पर लेखन क्षमता के सन्दर्भ में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है
- वर्तनी
- मौलिक विचार
- श्रुतलेख
- सुलेख
उत्तर : 2 और 4
प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सी गतिविधि श्रवण एवं वाचन कौशलों के विकास के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होगी?
- रेडियो समाचार सुनाना
- कहानी सुनाकर उस पर बच्चों की प्रतिक्रिया जानना
- हावभाव के साथ कविता बुलवाना
- प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित करना
उत्तर : 2
प्रश्न. वाणी होती है और लिखित भाषा की तुलना में काफी तेजी से बदलती रहती है।
- गौण
- स्थिर
- अस्थायी
- स्थायी
उत्तर : 2
प्रश्न. ‘बहुभाषी कक्षा’ से तात्पर्य है
- जिस कक्षा में कम-से-कम दो भाषाओं में पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध हो
- जिस कक्षा में प्रत्येक बच्चे के घर की बोली को सम्मान दिया जाता हो
- जहाँ बहुत-सी भाषाओं का अध्यापन किया जाता है
- जिस कक्षा के शिक्षक/शिक्षिका दो या दो से अधिक भाषाएँ पढ़-लिख सकते हों
उत्तर : 4
प्रश्न. संज्ञान के स्तर पर विकसित अन्य भाषाओं में आसानी से अनूदित होती रहती है।
- ज्ञान क्षमता
- व्याकरण क्षमता
- तर्क क्षमता
- भाषा क्षमता
उत्तर : 4
प्रश्न. भाषा शिक्षण को……..सन्दर्भ में रखकर देखने की आवश्यकता है।
- आर्थिक
- सांस्कृतिक
- नैतिक
- बहुभाषी
उत्तर : 2
निर्देश ( प्रश्न संख्या 22-30) नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
लघु उद्योग उन उद्योगों को कहा जाता है जिनके सनारम्भ एवं आयोजन के लिए भारी-भरकम साधनों की आवश्यकता नहीं पड़ती। वे थोड़े से स्थान पर, थोड़ी पूँजी और अल्प साधनों से ही आरम्भ किए जा सकते हैं। फिर भी उनसे सुनियोजित ढंग से अधिकाधिक लाभ प्राप्त करके देश की निर्धनता, गरीबी और विषमताओं से एक सीमा तक लड़ा जा सकता है। अपने आकार-प्रकार तथा साधनों की लघुता व अल्पता के कारण ही इस प्रकार के उद्योग-धन्धों को कुटीर उद्योग भी कहा जाता है। इस उद्योग-धन्धे अपने घर में भी आरम्भ किए जा सकते हैं और अपने सीमित साधनों का सदुपयोग करके आर्थिक कार के लाभ कमाया जा सकता है और सुखी-समृद्ध बनाया जा सकता है। भारत जैसे देश के लिए तो इस प्रकार के लघु उद्योगों का महत्त्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ युवाओं की एक बहुत बड़ी संख्या बेरोजगार है। इसी कारण महात्मा गाँधी ने मशीनीकरण का विरोध किया था। उनकी यह स्पष्ट धारणा थी कि लघु उद्योगों को प्रश्रय देने से लोग स्वावलम्बी बनेंगे, मजदूर किसान फसलों की बुआई-कटाई से फुर्सत पाकर अपने खाली समय का सदुपयोग भी करेंगे। इस प्रकार आर्थिक समृद्धि तो बढ़ेगी ही, साथ ही लोगों को अपने घर के पास रोजगार मिल सकेगा।
प्रश्न. उन उद्योगों को लघु उद्योग कहा जाता है
- जिन्हें निर्धन व्यक्ति आयोजित करते हैं।
- जिनसे अल्प लाभ मिलता है
- जो अल्प अवधि तक चलते हैं
- जो कम साधनों से शुरू किए जा सकते हैं
उत्तर : 2
प्रश्न. ‘मशीनीकरण’ से तात्पर्य है।
- मशीनों का अधिकाधिक उपयोग
- मशीनों का अधिकाधिक निर्माण
- मशीनों का अधिकाधिक उपलब्धता
- मशीनों का अधिकाधिक खरीद
उत्तर : 1
प्रश्न. लघु उद्योगों को प्रश्रय देने के सन्दर्भ में गाँधीजी की क्या धारणा थी?
- किसानों को बुआई-कटाई से फुर्सत मिल सके
- मशीनीकरण का विरोध किया जा सके
- लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके
- समय का सदुपयोग किया जा सके
उत्तर : 3
प्रश्न. भारत जैसे देश के लिए लघु उद्योग-धन्धों का महत्त्व क्यों बढ़ जाता है?
- क्योंकि यहाँ मशीनों की उपलब्धता बहुत कम है
- क्योंकि यहाँ के युवा वर्ग को मशीनों पर काम करना नहीं आता
- क्योंकि यहाँ कम पूँजी वाले लोग अधिक संख्या में है
- क्योंकि यहाँ बहुत से लोगों को काम की जरूरत है
उत्तर : 4
प्रश्न. ‘विषमता’ का विपरीतार्थ है
- सामान्यतः
- समानता
- असमानता
- प्रतिकूलता
उत्तर : 2
प्रश्न. ‘समृद्ध’ शब्द में भाव है
- समर्थन होने का
- रोजगार पाने का
- खुशहाल होने का
- धन होने का
उत्तर : 4
प्रश्न. ‘अल्पता’ शब्द है
- तत्सम
- देशज
- विदेशी
- तद्भव
उत्तर : 1
प्रश्न. कौन-सा शब्द-युग्म शेष से भिन्न है?
- भारी-भरकम
- पशु-पक्षी
- माता-पिता
- दिन-रात
उत्तर : 1
प्रश्न. गद्यांश के अनुसार ‘प्रश्रय’ शब्द का भाव है
- नियुक्ति करना
- अनुमोदन करना
- स्वीकृति देना
- संरक्षण देना
उत्तर : ? (अभ्यर्थी इस प्रश्न का उत्तर कमेंट बॉक्स में दें)
आशा है आपको पर्यावरण अध्ययन का यह प्रैक्टिस सेट पसंद आया होगा, CTET परीक्षा से जुड़ी हर जानकरियों हेतु सरकारी अलर्ट को बुकमार्क जरूर करें।
बहुभाषी कक्षा का आंसर होगा
2 number
I am agree with you
4
4
4
4
स्वीकृति देना
Swikriti dena
Swikriti dena
Bahubhashi ka answer 2 hoga
बहुभाषी प्रश्न का उत्तर 2 होगा
4
Ans.no.4 sanrakshan dena
sanrakshan dena
4 संरक्षण देना
Last answer 4
A-4