CTET Hindi Language Practice Set 55 : उत्तर प्रदेश में CTET की परीक्षा शुरू हो चुकी है CTET की परीक्षा ऑनलाइन माध्यम द्वारा कराई जा रही है तथा UPTET की परीक्षा 28 नवंबर 2021 को आयोजित होने वाली थी लेकिन पेपर लीक हो जाने के कारण परीक्षा प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। अब इसकी परीक्षा 23 जनवरी 2022 को आयोजित कराई जानी है। जिसकी तैयारी के लिए लाखों अभ्यर्थी बहुत तेजी से मेहनत कर रहें हैं।
ऐसे मे इस लेख के जरिये हम आपको CTET के परीक्षा मे पुछे गये 30 बेहद महत्वपूर्ण हिन्दी भाषा के प्रश्नों और उनके उत्तरों से अवगत कराएंगे, जिसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी मजबूती प्रदान कर सकते हैं।

CTET Hindi Language Practice Set 55
प्रश्न. भाषा-अर्जन के सम्बन्ध में कौन सा कथन अनुचित है?
- विद्यालय गए बिना भी भाषा अर्जन सम्भव है।
- व्याकरण की पुस्तक पढ़े बिना भाषा-अर्जन सम्भव नहीं है।
- बालकों में भाषा अर्जन की स्वाभाविक क्षमता होती है।
- भाषा-अर्जन को महज बनाने के लिए समृद्ध भाषिक परिवेश की आवश्यकता होती है।
उत्तर : 2
प्रश्न. भाषा शिक्षण का आदर्श वातावरण है
- व्याकरणगत शुद्धता पर जोर
- छात्रों को अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतन्त्रता
- केवल व्याख्यान विधि का सहारा लेना
- पुस्तकीय ज्ञान पर अतिरिक्त बल
उत्तर : 2
प्रश्न. वह नौ दो ग्यारह हो गया’ वाक्य में कौन-सी शब्द शक्ति है?
- गौणी लक्षणा
- रुड़ा लक्षणा
- उपादान लक्षणा
- स्वक्षण लक्षणा
उत्तर : 3
प्रश्न. यह देख, गगन मुझमें लय है,
यह देख, पवन मुझमे लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल
मुझमें लय है संसार सकल।
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
- करुण रस
- वीभत्स रस
- अद्भुत रम
- शान्त रस
उत्तर : 3
प्रश्न. ‘वह ऐसी बातें बनाता है, मानो उसने कुछ भी न देखा हो।” वाक्य में कौन-सा काल है?
- सामान्य भूतकाल
- पूर्ण भूतकाल
- सम्भाव्य भूतकाल
- आसन्न भूतकाल
उत्तर : 1
प्रश्न. ‘परमेश्वर’ शब्द में कौन-सी सन्धि है?
- वृद्धि सन्धि
- गुण सन्धि
- अयादि सन्धि
- दीर्घ सन्धि
उत्तर : 2
निर्देश-निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।
मैं साहित्य को मनुष्य की दृष्टि से देखने का पक्षपाती हूँ। जो बाग्जाल मनुष्य को दुर्गात, हीनता और परमुखापेक्षिता से बचा न सके, जो उसकी आत्मा को तेजोद्विप्त न बना सके, जो उसके हृदय को पर दुःख कातर और संवेदनशील न बना सके, संकोच होता है। मैं अनुभव करता हूँ कि हम लोग एक कठिन समय के भीतर से गुजर रहे हैं। आज नाना भाँति के संकीर्ण स्वार्थों ने मनुष्य को कुछ ऐसा अन्धा बना दिया है कि जाति-धर्म-निर्विशेष मनुष्य के हित की बात सोचना असम्भव-सा हो गया है। ऐसा लग रहा है कि किसी विकट दुर्भाग्य के इंगित पर दलगत स्वार्थ के प्रेत ने मनुष्यता को दबोच लिया है। दुनिया छोटे-छोटे संकीर्ण स्वार्थों के आधार पर अनेक दलों में विभक्त हो गई है। अपने दल के बाहर का आदमी सन्देह की दृष्टि से देखा जाता है। उसके तप और सत्यनिष्ठा का मजाक उड़ाया जाता है। उसके प्रत्येक त्याग और बलिदान के कार्य में भी चाल का सन्धान पाया जाता है।
प्रश्न. ‘जाति-धर्म-निर्विशेष’ मनुष्य की पहचान क्या है?
- जाति की सीमा में बद्ध, परन्तु धर्म की सीमा से मुक्त
- धर्म की सीमा में बढ़ परन्तु जाति की सीमा से मुक्त
- जाति और धर्म को सीमा में बद्ध
- जाति और धर्म की सीमा से मुक्त
उत्तर : 3
प्रश्न. उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार हमारा समय कठिन है
- दुनिया भर में हो रहे युद्धों के कारण
- विभिन्न प्रकार के संकुचित स्वार्थों के कारण
- विश्व में फैली महामारी के कारण
- राजनीति में विद्यमान भ्रष्टाचार के कारण
उत्तर : 2
प्रश्न. निम्नांकित में कौन-सा दलगत राजनीति का दुष्परिणाम नहीं है?
- संसार का संकीर्ण स्वार्थों में बँट जाना
- सच्चे त्याग और बलिदान पर सन्देह करना
- विरोधी दल के नेता का योगदान स्वीकार करना
- केवल अपने ही दल के व्यक्ति को नेता मानना
उत्तर : 3
प्रश्न. साहित्य को किस दृष्टि से देखा जाना चाहिए?
- राष्ट्र की दृष्टि से
- समाज की दृष्टि
- विश्व की दृष्टि से
- मनुष्य की दृष्टि से
उत्तर : 4
प्रश्न. साहित्य वह है
- जो मनुष्य की आत्मा को प्रकाशित करता है।
- जिसमें कल्पना का विलास होता है।
- जिसमें शब्दों का चमत्कार होता है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर : 1
प्रश्न. ‘आटे-दाल का भाव मालूम होना’ मुहावरे का सही प्रयोग
किस वाक्य में हुआ है?
- अच्छी नीयत से काम करते रहेंगे तो आटे-दाल का भाव अपने आप मालूम हो जाएगा।
- अभी से घबराने लगे। अभी हुआ ही क्या है? आटे-दाल भाव तो अब मालूम पड़ेगा।
- आजकल तो वह रात-दिन परिश्रम कर रहा है। भगवान चाहेगा तो उसे आटे-दाल का भाव मालूम हो जाएगा।
- आजकल वे बाजार से खरीददारी स्वयं करते हैं, उन्हें आटे दाल का भाव मालूम हो रहा है।
उत्तर : 2
प्रश्न. भाषा के पाठ्यक्रम में कहानी का शैक्षणिक प्रयोग मुख्यतः इसलिए जरूरी है, क्योंकि इससे बच्चे
- उच्चारण क्षमता का विकास करते हैं।
- पढ़ना-लिखना सीखते हैं।
- स्मरण क्षमता का विकास करते हैं।
- व्याकरण के नियमों को कंठस्थ कर पाते हैं।
उत्तर : 1
प्रश्न. दिवस का अवसान समीप था,
गगन था कुछ लोहित हो चला।
तरु शिखा पर थी अब राजती,
कमलिनी- कुल वल्लभ की प्रभा।
इस पद में कौन-सा छन्द नहीं है?
- वसन्ततिलका
- शिखरिणी
- द्रुत बिलम्बित
- उपेन्द्रवज्रा
उत्तर : 3
प्रश्न. ‘अल्पप्राण’ के विषय में सही कथन है
- हकार की ध्वनि वाले व्यंजन अल्पप्राण होते हैं।
- सब स्वर अल्पप्राण हैं।
- ऊष्म व्यंजन अल्पप्राण होते हैं।
- प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा वर्ण अल्पप्राण होता है।
उत्तर : 2
प्रश्न. ‘देशभक्ति’ शब्द में कौन-सा समास है?
- करण तत्पुरुष समास
- द्वन्द्व समास
- बहुव्रीहि समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
उत्तर : 4
प्रश्न. किस शब्द में तद्धित-प्रत्यय जुड़ा हुआ है?
- नैतिक
- चढ़ाई
- लड़ाकू
- लगाव
उत्तर : 1
प्रश्न. भाषा के बारे में कौन-सा कथन उचित नहीं है?
- भाषा सम्प्रेषण का मौखिक साधन है।
- भाषा आनुवंशिक वस्तु है।
- भाषा यादृच्छिक संकेतों की व्यवस्था है।
- भाषा परिवर्तनशील है।
उत्तर : 2
प्रश्न. व्याकरण क्या है?
- भाषा की संरचना का विश्लेषण शास्त्र
- भाषा के सौंदर्य पक्ष का विश्लेषण करने वाला शास्त्र
- भाषा का विकास दिखलाने वाला शास्त्र
- उपरोक्त सभी
उत्तर : 4
प्रश्न. ‘पश्चिमी हिन्दी’ की बोली है
- अवधी
- बघेली
- बुन्देली
- मेवाती
उत्तर : 3
प्रश्न. अर्थ के अनुसार वाक्य का भेद नहीं है
- विधि वाक्य
- सरल वाक्य
- निषेध वाक्य
- प्रश्न वाक्य
उत्तर : 2
प्रश्न. ‘कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात। भरे भौन मैं करत हैं नैननु हीं सब बात।।’ यह पंक्ति किस कवि की है?
- तुलसीदास
- सूरदास
- केशवदास
- बिहारी
उत्तर : 4
प्रश्न. सन्त-काव्य में ‘निर्गुण’ शब्द किस अर्थ में प्रयुक्त हुआ है?
- गुणों से परे होना
- गुणों से हीन होना
- गुणों से मुक्त होना
- गुणों में बंधा होना
उत्तर : 1
प्रश्न. इनमें से कौन-सी रचना रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की नहीं है?
- उर्वशी
- भारत-भारती
- कुरुक्षेत्र
- रश्मिरथी
उत्तर : 2
निर्देश-निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों से सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।
बिखरी अलके ज्यों तर्क जाल
वह विश्व मुकुट सा उज्ज्वलतम शशिखण्ड सदृश था स्पष्ट माल दो पद्म पलाश चषक से दृग देते अनुराग विराग ढाल गुंजरित मधुप से मुकुल सदृश वह आनन जिसमें भरा गान
वक्षस्थल पर एकत्र घरे संमृति के सब विज्ञान ज्ञाना
प्रश्न. कवि ने नायिका के ललाट की उपमा किससे दी है?
- कमल
- अर्द्धचन्द्र
- भाँस
- तर्कजाल
उत्तर : 2
प्रश्न. उपर्युक्त पद्यांश का प्रतिपाद्य है।
- रूप-वर्णन
- बारहमासा-वर्णन
- प्रकृति-वर्णन
- विरह-वर्णन
उत्तर : 1
प्रश्न. “बिखरी अलकें ज्यों तर्क जाल’ पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
- उपमा
- यमक
- श्लेष
- उत्प्रेक्षा
उत्तर : 4
प्रश्न. उपर्युक्त पद्यांश में नायिका के किन-किन अंगों का
वर्णन है?
- पाँव, ललाट, गर्दन, मुख एवं केश
- केश, ललाट, आँख, मुख एवं वक्षस्थल
- हाथ, कमर, केरु, मुख एवं वक्षस्थल
- ललाट, पाँव, हाथ, मुख एवं गर्दन
उत्तर : 2
प्रश्न. ‘मुकुल’ शब्द का अर्थ है
- खिलती हुई कली
- सुन्दर मुख
- भ्रमर
- किनारा
उत्तर : 1
प्रश्न. निम्नांकित में कौन-सी भाषा अधिगम की विशेषता नहीं है?
- भाषाई आदतों का निर्माण
- भाषाई अन्तर्दृष्टि का निर्माण
- भाषा के शब्दों का निर्माण
- भाषा के मानक रूप का ग्रहण
उत्तर : ??
इस प्रश्न का सही उत्तर क्या होगा? हमें अपना जवाब कमेंट सेक्शन में जरूर दें।
आशा है आपको यह प्रैक्टिस सेट पसंद आया होगा, सरकारी परीक्षाओं से जुड़ी हर जानकरियों हेतु सरकारी अलर्ट को बुकमार्क जरूर करें।
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